उतराखंड के पर्वतीय जिले रुद्रप्रयाग के रहने वाले एक युवक के कुछ कर गुजरने के दृढ़संकल्प ने उसे दुनिया के नक्शे में स्थापित कर दिया. अपनी मेहनत और लगन से उसने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उत्तराखंड का नाम रोशन किया वह फ्लाईवेट कैटेगरी में वर्ल्ड चैंपियन हैं. इस पेशे में आने की उनकी कहानी भी कुछ दिलचस्प नहीं है. मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे अंगद मेडिकल की पढ़ाई के लिए देहरादून आए थे लेकिन किस्मत को तो कुछ और मंजूर था और आज वह जिस मुकाम पर हैं, उनके परिवार को नहीं बल्कि समूचे प्रदेश को उनपर गर्व है।
आज दूसरे फ़्लाइवेट सेमीफ़ाइनल मैचअप में डोंगहुन चोई और अंगद बिष्ट के बीच 15 मिनट तक एक-दूसरे से संघर्ष चलता रहा, बिष्ट ने असाधारण रूप से अच्छी शुरुआत की, चोई को दाहिने हाथ से मारा जिससे उनकी नाक से तुरंत खून बहने लगा लेकिन दक्षिण कोरियाई खिलाड़ी ने अंतिम तक वापसी दिखाते हुए भारतीय प्रतिद्वंद्वी को हराकर फाइनल में किरू सिंह सहोता के सामने लड़ने के लिए जगह बनाई। डोंग हून चोई ने split निर्णय से अंगद बिष्ट को (29-28, 28-29, 29-28) स्कोर से हराया, अंगद बिष्ट ने शानदार खेल दिखाया और इस खेल में भारत का नाम ऊँचा किया जिसके लिए हम उनपर गर्व करते हैं।