
लड़कियां आजकल रील्स बनाकर वायरल होना चाहती हैं, जबकि वे यह नहीं समझतीं कि यदि वे सच में सफल हो जाती हैं, तो खुद-ब-खुद वायरल हो जाएंगी। इसका जीता-जागता उदाहरण हैं अंजना चायवाली अंजना अभावों से भरा जीवन एवं कम उम्र में मिली जिम्मेदारियां व्यक्ति को जो सीख देती हैं उसे जीवन की कोई पाठशाला नहीं दे सकती है। अभावों एवं जिम्मेदारियों से भरी जीवन की इसी पाठशाला से बनी एवं तपी है वीरांगना तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित 34 वर्षीय अंजना रावत। जिनके संघर्षों की कहानी समाज को प्रेरणा देती है।साल 2011 में उसके पिताजी जिन्दगी की जंग हार गए। लेकिन अंजना नहीं हारी। उसने चाय की दुकान के साथ साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। समाज शास्त्र में एमए किया, एवं एम एस डब्ल्यू का डिप्लोमा भी हासिल किया।अंजना कम उम्र में पहाड़ सी जिम्मेदारियों को बखूबी संभाला है। पिताजी की मृत्यु के बाद उन्होंने अपनी बड़ी बहिन की शादी एवं छोटे भाई को अपने पैरों पर खड़े होने लायक बनाया।