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छोड़ आया हूँ मैं गांव की 1000 गज में बनी हवेली, शहर में 100 गज के मकान को अपनी तरक्की बताता हूँ, तिबारी गांव की। 

छोड़ आया हूँ मैं गांव की 1000 गज में बनी हवेली, शहर में 100 गज के मकान को अपनी तरक्की बताता हूँ, तिबारी गांव की। 

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उत्तराखंड की बेटियों के नखरे के चलते “नागालैंड की बेटी बनी दानपुर की बहु”।

उत्तराखंड की बेटियों के नखरे के चलते युवा पीढ़ी परेशान है लड़कियों के शो नखरो को उठाने से अच्छा है उत्तराखंड के बेटे अन्य राज्यों से बेटियां ला रहे हैं और अन्य राज्य की बेटियां अपने उत्तराखंड की बहू बन रही है नागालैंड की बेटी...

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पत्नी का बनाया खाना क्यों नहीं खाते थे उत्तराखंड के “मर्द”। Why did the “men” of Uttarakhand not eat food cooked by their wives?

उस दौर के खानपान परंपरा में भाति-भाति के निषेधों और रूढियों के अलावा छकोसलेबाजी भी कम नहीं थी। विषेशकर उच्च जाति के लोगों में कई तरह के ढोंग प्रचलित थे। प्रोफेसर डीडी शर्मा के मुताबिक विशेषकर पुरोहित वर्गीय ब्राह्मणों में एक बहुत बड़ा ढोंग यह...

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Uttarakhand me Chalta Firta Jungle – उत्तराखंड में चलता फिरता जंगल।

उत्तराखंड में चलता फिरता जंगल… यह चित्र कोई पहाड़ों में चलता-फिरता वन का न होकर पहाड़ की श्रमशील महिलाओं की गाथा बता रहा है। पहाड़ों की महिलाएं प्रातःकाल घर का कामकाज निपटाकर जंगल की ओर चली जाती हैं । फिर वहां अपने गाय बैल को...

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उत्तराखंड के शहीद पत्रकार और कवि उमेश डोभाल। Martyr journalist and poet Umesh Dobhal of Uttarakhand.

मैं धड़कता हूं, लोगों के दिलों में ………………… पहाड़ के शहीद पत्रकार और कवि उमेश डोभाल की शहादत को आज 37 साल पूरे हुए जन्म -1952 पौड़ी गढ़वाल। शहादत (हत्या) – 25 मार्च 1988, शराब माफिया द्वारा पौड़ी गढ़वाल में। आइए, अवतार सिंह पाश की...

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हमारे बड़े-बुजुर्ग कहते थे चाहे कितनी ही विपत्ति आ जाए पर अपने पूर्वजों की घर कुड़ी मत बेचना।

नमस्कार दोस्तो हमारे बड़े-बुजुर्ग कहते थे चाहे कितनी ही विपत्ति आ जाए पर अपने पूर्वजों की घर कुड़ी मत बेचना क्योंकि ये पितृभूमी ही एकदिन काम आयेगी. अपने गाँव का ठंडा पानी खुली हवा और शांत वातावरण मित्रो हमारी जन्मभूमी हमारे पहाड़ में ही हमारे...

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तांबे के ये कारीगर बागेश्वर तहसील के अन्तर्गत मल्ली व तल्ली खरे के बीस गाँवों में परम्परागत तांबे के बर्तन बनाते हैं।

धीरे-धीरे तांबे के ये कारीगर बागेश्वर तहसील के अन्तर्गत मल्ली व तल्ली खरे के बीस गाँवों में परम्परागत तांबे के बर्तन बनाते हैं। सर्वेक्षणों के अनुसार पिथौरागढ़ जनपद के गंगोलीहाट, थल, बेरीनाग आदि में ९४ परिवार पूरी तरह तांबे के बर्तन इत्यादि को बनाकर इस...

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