Home » Archive by category "Culture" (Page 9)

उत्तराखंड में सावन के महीने में प्रकृति की सुंदरता पर एक सूंदर कविता।

वो सो,भादो,अशोज का महीना कद्दू ककड़ी लोंकी का लगिलो पर लगना झंगोरे, कोणी, मडवे की बाली का आना वो ईजा का राती को चाय पिलाना बुबू का दिनभर हुक्का पीना ना जाने कहा गए हैं वो दिन चिड़ियों का आंगन पर चहचाना बूढ़ी दादी का...

Continue reading »

क्या है भोजन विधि का वैज्ञानिक रहस्य?

भोजन विधि का वैज्ञानिक रहस्य। शास्त्रों में पैर धोकर तथा एक वस्त्र ऊपर ओढ़कर और फिर पूर्व अथवा उत्तर आदि मुख बैठकर एकान्त में भोजन करना बतलाया गया है, जहां पर अन्य सर्व साधारण की दृष्टि न पड़े। भोजन पकाने की रसोई व भोजन करने...

Continue reading »

जलेबी सिर्फ मिठाई नहीं आयुर्वेदिक दवाई भी है।

यह एक राजशाही पकवान है जिसे दूध दही या रबड़ी से खाया जाता है। जलेबी का आयुर्वेदिक उपयोग : जलेबी एक भारतीय व्यंजन है जो की जलोदर नामक बीमारी का इलाज में प्रयोग की जाती थी शुगर बीमारी को नियंत्रित करने के लिए जलेबी को...

Continue reading »

भारतवर्ष में यह परंपरा सदियों से चली आई है विशेष अवसरों पर धोती पहनकर एक साथ जमीन पर बैठकर भोजन ग्रहण करना। 

old tradition of uttarakhand

भारतवर्ष में यह परंपरा सदियों से चली आई है विशेष अवसरों पर धोती पहनकर एक साथ जमीन पर बैठकर स्वस्थ चित मन से भोजन ग्रहण करना। 

Continue reading »

उत्तराखंड की बेटी गीता ने पीरुल से पहाड़ की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की मुहीम शुरू की है।

उत्तराखंड की बेटी गीता ने पीरुल से पहाड़ की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की मुहीम शुरू की है। जिसमे वह कई लड़कियों को परीक्षण देकर उन्हें अपने पैरो पर खड़ा करने की तरफ काम कर रही है। गीता का कहना है की पीरूल जैसे...

Continue reading »

जौनसार बावर का सुप्रसिद्ध वाद्य ढोल की जुगलबंदी जरूर देखें।

उत्तराखंड ,जौनसार बावर का सुप्रसिद्ध वाद्य ढोल की जुगलबंदी जरूर देखें । जौनसार बावर में आज भी इस कला के निपुण लोग पर्याप्त संख्या में मिल जाएंगे। नवयुवक भी शौकिया तौर पर ही सही इस वाद्य को बजाने में पारंगत है। जौनसार बावर की संस्कृति...

Continue reading »

मैं केदार!अब क्या तो कहूं, कहां तो जाऊं ?

बस, अब जो बात बाकी रह गई थी कि गढ़वाल विश्वविद्यालय की शोधार्थी डॉक्टर आयुषी राणा के शोध – “सस्टेनेबल पिलग्रिम् टूरिज्म इन केदार वेली – पोस्ट 2013 डिजास्टर” को भी पढ़िए कि अब केदारनाथ में तीर्थाटन और पर्यटन का अंतर खत्म हो गया है।...

Continue reading »

उत्तराखंड में स्वरोजगार को प्रत्मिकता देते हुए। होली के ढ़ोल से लेकर सभी प्रकार के वाद्य यंत्र।

अल्मोड़ा के रहने वाले अनिल जी जो की होली के डोल से लेकर सभी प्रकार के वाद्य यंत्र तैयार करते है। उनकी दुकान मैन बाजार अल्मोड़ा में अनिल हारमोनियम के नाम से है। साथ ही अनिल जी पुराने वाद्य यंत्रों को मरमत भी करते है।...

Continue reading »