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1868: गंगोत्री के एक ग्रामीण की सबसे पुरानी तस्वीरों में से एक।

1868: गंगोत्री के एक ग्रामीण की सबसे पुरानी तस्वीरों में से एक। यह तस्वीर 1868 में प्रकाशित ‘पीपुल्स ऑफ इंडिया’ पुस्तक में छपी थी। ग्रामीण का नाम तो नहीं बताया गया है, लेकिन पाठ में बताया गया है कि व्यक्ति की उम्र 25 साल है...

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उत्तराखंड के लोक गायक पप्पू कार्की का जीवन परिचय। Biography of Uttarakhand folk singer Pappu Karki.

लोक गायक पप्पू कार्की की गायकी का सफर थल रामलीला से शुरू हुआ। वर्ष 1995 में जूनियर की शिक्षा के दौरान उन्होंने एक कार्यक्रम में अपनी आवाज का जादू बिखेरा था। रामलीला में एक कार्यक्रम में गायकी के दौरान सीनियर गायक कृष्ण सिंह कार्की की...

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श्रीनगर गढ़वाल: 286 वर्ष पुरानी राजधानी, अब उत्तराखंड के प्रमुख शहरों में एक!

श्रीनगर (गढ़वाल) का इतिहास, जो कभी एक जीवंत राजधानी और राजाओं का निवास स्थान / राजधानी थी, प्राकृतिक आपदाओं और राजनीतिक उथल-पुथल से चिह्नित गिरावट की कहानी को दर्शाता है। 1882 में प्रकाशित हिमालयन गजेटियर (खंड III, भाग II) में ई.टी. एटकिंस के अनुसार, यह...

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प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में ‘उत्तरी भारत’ को आर्यावर्त (आर्यों का निवासस्थान) कहा गया है।

ऋग्वेद में आर्यों का निवासस्थल “सप्तसिंधु” प्रदेश के नाम से अभिहित किया जाता है। ऋग्वेद के नदीसूक्त (10/75) में आर्यनिवास में प्रवाहित होनेवाली नदियों का एकत्र वर्णन है जिसमें मुख्य ये हैं – कुभा (काबुल नदी), क्रुगु (कुर्रम), गोमती (गोमल), सिंधु, परुष्णी (रावी), शुतुद्री (सतलज),...

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देवलगढ़: गढ़वाल साम्राज्य का एक खोया हुआ रत्न। Devalgarh: A Lost Gem of the Garhwal Kingdom.

उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल से 17 किमी दूर पहाड़ी पर बसा देवलगढ़, ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, खासकर 16वीं शताब्दी की शुरुआत में गढ़वाल साम्राज्य की पूर्व राजधानी के रूप में। राजा अजय पाल द्वारा 1512 में चांदपुर गढ़ी से देवलगढ़ में राजधानी स्थानांतरित करने...

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कोदियाबगढ़ बने देश की ग्रीष्म ऋतु राजधानी, नेहरु ने जारी किए सर्वे के लिए 5000 रुपये

विधानसभा भराड़ीसैंण लगभग 8000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जो वाकई एक रत्न है। इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता यहां आने वाले पर्यटकों का स्वागत करने वाले सुहावने मौसम से और भी बढ़ जाती है। बर्फ की चादर से ढकी राजसी दूधातोली पहाड़ियां सूरज...

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बेडू के पेड़ का 24 cm चौड़ा पत्ता।

मैंने बेडू का इतना बड़ा पत्ता इससे पहले कभी नहीं देखा। यह लगभग तिमला या मालू के पत्ते जितना बड़ा है। यह नई टिहरी में एक पुश्ते पर उग आया है। द दिला दूं कि केदारनाथ पर आगे की पोस्ट आप आज नहीं, कल पढ़...

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उत्तराखंड मे प्राचीन शैली से बने मिट्टी के घर जिन्हे “पहाड़ी कुड़ी” भी कहा जाता है।

Mud houses made in ancient style in Uttarakhand which are also called Pahari Kudi

उत्तराखंड मे प्राचीन शैली से बने मिट्टी के घर जिन्हे “पहाड़ी कुड़ी” भी कहा जाता है। यह घर पहाड़ी मिस्त्रियों की कुशलता का प्रतीक है। सालों साल ये घर हर मौसम की मार को झेल कर भी इसे ही खड़े रहते है। केवल मासिक मिट्टी...

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पहाड़ी शैली में बने “पठाल” की छत वाले घर उत्तराखण्ड की समृद्ध वास्तुकला के प्रतीक हैं।

Houses with Pathal roofs built in the hilly style in Uttarakhand

पहाड़ी शैली में बने “पठाल” की छत वाले घर उत्तराखण्ड की समृद्ध वास्तुकला के प्रतीक हैं। 103 साल पुराना घर पाथर से बना हुआ समा लिती यहां दीमक नहीं लगाता है वो बात अलग हैं अब पलायन हो गया हैं।   

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देवप्रयाग जहां श्री राम जी ने ब्रह्म हत्या के दोष निवारणार्थ अलकनन्दा भागीरथी के संगम पर तपस्या की थी। 

devprayag me shri ram luxman aur sita ji ne tapasya ki thi

त्रेता युग में रावण, कुम्भकरण का वध करने के पश्चात कुछ वर्ष अयोध्या में राज्य करके राम ब्रह्म हत्या के दोष निवारणार्थ सीता जी, लक्ष्मण जी सहित देवप्रयाग में अलकनन्दा भागीरथी के संगम पर तपस्या करने आये थे। इस संबध में केदारखण्ड में लिखा है...

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