यह हिमालय क्षेत्र में पाया जाने वाला औषधि गुन से भरपूर एक फल है। जो उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश नेपाल और पर्वतीय इलाकों में पाया जाता है।हिसालू जंगली लेकिन रस से भरा हुआ फल है. यह दिखने में जितना आकर्षक है, उतना ही औषधीय गुणों से भी भरपूर है. यह फल अप्रैल-मई के महीने में रूखी-सूखी जमीन पर होने वाली झाड़ी पर उगता है. इसका बॉटनिकल नाम रूबस एलिप्टिकस है. हिसालू का फल 700 से 2000 मीटर की ऊंचाई पर मिलता है. इसे ‘हिमालयन रसबरी’ के नाम से भी जाना जाता है. तोड़ने के दो-तीन घंटे के बाद या फल खराब हो जाता है। वैसे इसकी खूबसूरती देखते ही बनती टेस्ट खट्टा होता है। भारत में इसकी दो प्रजातियां पाई जाती है एक पीले कलर की और एक काले कलर की काले कलर वाली प्रजाति काफी कम होती है इसके पेड़ में नुकीले कांटे होते हैं।