Home » Culture » काश कि इन गाड़ियों की छतों में हल्द्वानी से सेब और आम की पेटियां भी इसी तरह वापस आती तो कितना अच्छा होता

काश कि इन गाड़ियों की छतों में हल्द्वानी से सेब और आम की पेटियां भी इसी तरह वापस आती तो कितना अच्छा होता

दो दिन के लिए बहू बारात में शामिल होने गॉंव आयी और सास ससुर का प्यार देखिए सारे संतरे सारे दाल सारे आलु और जितनी‌ दाल घर में तीन महीनों से सम्भाली थी सब कट्टो में भर दी और पड़ोस पेंछा (उधार ) घी लेकर बहू को दे दिया और समझाया जब नाती स्कूल जाए तो रोटी पर लगा देना।


बहू को अचानक से याद आ गया कि गेहूं भी है भकार (अनाज रखने वाला बक्सा) में कुछ गेहूं है तो सास ने वह गेहूं भी पैक कर दिया सास ससुर का प्यार देखकर मेरी आंखों में आंसू आ रहे हैं मेरा इन बहूओं से निवेदन है कि कृपया आप हल्द्वानी में यह ना बोले कि पहाड़ में कुछ नहीं रखा है ये गाड़ी की छतें और ऐसी सास और ससुर उदाहरण है पहाड़ में ही सब कुछ है अबकी बार जब गर्मियों की छुट्टिया मनाने घर में आये तो यह छत में आम और सेब की पेटियां से लदे हो और अपने सास-ससुर का सम्मान करें, बेचारे सास ससुर ने 6 महीने से इन संतरे और आलु पर किसी भी गांव वालों को हाथ भी नहीं लगाने दिया तुम्हारे लिए ।

यह भी पढ़िये :-  मसूरी (उत्तराखंड) में मुलिंगर में 1945 की एक शानदार तस्वीर। A stunning photo from 1945 at Mullingar in Mussoorie (Uttarakhand).

Related posts:

आपसी मेलजोल और भाईचारे की मिसाल होती है हमारे पहाड़ (उत्तराखंड) की शादियां.

Culture

दिल्ली में 11 लाख के पैकेज को छोड़ डा. सबिता पौड़ी गढ़वाल आकर बनी प्रगतिशील बागवान।

Uttarakhand Latest

उत्तराखंड की बेटी गीता ने पीरुल से पहाड़ की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की मुहीम शुरू की है।

Culture

पहाड़ों में बना पुरानी शैली के सुन्दर मकान। Beautiful old style house built in the mountains.

Culture

शानदार ग्राम पंचायत सुतोल जो की चमोली में है ये दृश्य अपने आप में मनमोहक है।

Culture

चण्डीगढ़ की सबसे पुरानी रामलीला गढ़वाल रामलीला सैक्टर – 22 के कलाकारों ने शुरू की रामलीला की रिहर्सल...

Culture

उत्तराखंड में गावों में शादी ब्याह में अभी भी गांव के लोग मिल जुल कर काम करते है।

Culture

उत्तराखंड में सावन के महीने में प्रकृति की सुंदरता पर एक सूंदर कविता।

Culture

पहाड़ (उत्तराखंड) की नारी सब पर भारी। The women of the mountains (Uttarakhand) are superior to everyo...

Culture

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*