Home » Uttarakhand Tourism » “रामनगर” यह शहर नैनीताल जिले के अंतर्गत आता है और खासतौर पर पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है।

“रामनगर” यह शहर नैनीताल जिले के अंतर्गत आता है और खासतौर पर पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है।

रामनगर उत्तराखंड राज्य का एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण शहर है, जो जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास स्थित है। यह शहर नैनीताल जिले के अंतर्गत आता है और खासतौर पर पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है, क्योंकि यह कॉर्बेट नेशनल पार्क का प्रवेश द्वार है। रामनगर से जिम कॉर्बेट पार्क केवल कुछ किलोमीटर की दूरी पर है, जो इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाता है। यहाँ साल भर देश-विदेश से पर्यटक आते हैं, खासकर जंगली जीवन और सफारी के अनुभव के लिए।

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, जिसे 1936 में स्थापित किया गया था, भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान है। यह पार्क बाघों, हाथियों, तेंदुए, और अन्य वन्य जीवों का घर है और इसे बाघों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। रामनगर शहर से पार्क के विभिन्न प्रवेश द्वारों तक पहुँचने के लिए पर्यटक यहाँ से गाड़ी से सफारी के लिए जाते हैं। रामनगर में कई होटल, रिसॉर्ट और गेस्ट हाउस हैं, जहां पर्यटक ठहर सकते हैं और आराम से पार्क की सैर कर सकते हैं।

यह भी पढ़िये :-  रिंगाल मेन राजेन्द्र बडवाल की बेजोड हस्तशिल्प कला, रिंगाल से बनाया उत्तराखंड का राज्य पक्षी मोनाल।

रामनगर का इतिहास भी बहुत दिलचस्प है। इसे पहले एक छोटे से कस्बे के रूप में जाना जाता था, लेकिन जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के बनने के बाद इस क्षेत्र में पर्यटन के कारण काफी विकास हुआ है। यहाँ के निवासी मुख्य रूप से कृषि, पर्यटन और वन्य जीवन संरक्षण से जुड़े हुए हैं। शहर के आसपास के क्षेत्रों में भी विभिन्न जलप्रपात, नदी, और पहाड़ी इलाकों का आकर्षण है, जो इसे और भी आकर्षक बनाते हैं।

रामनगर का अर्थ केवल वन्यजीवों और पर्यटन से ही नहीं है, बल्कि यहाँ की सांस्कृतिक धरोहर भी काफी समृद्ध है। उत्तराखंडी संस्कृति के झलकियाँ यहाँ के स्थानीय त्योहारों, रीति-रिवाजों और पारंपरिक जीवनशैली में देखी जा सकती हैं। यहाँ का मौसम भी यात्रियों के लिए अनुकूल होता है, खासकर सर्दियों में जब पर्यटक पार्क के अंदर सफारी के लिए जाते हैं।

यह भी पढ़िये :-  इस हिल स्टेशन का नाम पंगोट है। The name of this hill station is Pangot.

अंततः, रामनगर एक ऐसी जगह है जहां प्रकृति प्रेमी और साहसिक यात्रियों के लिए ढेर सारी संभावनाएँ हैं। यह स्थान न केवल वन्य जीवन की विविधता का अनुभव कराता है, बल्कि उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता का भी परिचय देता है। यहाँ के ग्रामीण जीवन, जंगलों, और जैव विविधता को समझने के लिए एक यात्रा निश्चित रूप से अविस्मरणीय होती है।

Related posts:

धनौल्टी उत्तराखंड का एक हिल स्टेशन है मसूरी से यह हिल स्टेशन 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। Dhanau...

Uttarakhand Tourism

बाणासुर का किला लोहाघाट चम्पावत, उत्तराखंड। Banasur Fort Lohaghat Champawat, Uttarakhand.

Culture

कोदियाबगढ़ बने देश की ग्रीष्म ऋतु राजधानी, नेहरु ने जारी किए सर्वे के लिए 5000 रुपये

Uttarakhand Tourism

सतपुली और गुमखाल के बीच पहाड़ी दाल का बोर्ड जहां दिखाई दे तो थोड़ी दाल जरूर खरीदें स्वरोजगार को बढ़ाएं...

Uttarakhand Tourism

स्वरोजगार से स्वालम्बन की ओर उत्तराखंड। Uttarakhand from self-employment to self-reliance.

Uttarakhand Tourism

कैसे पड़ा सतपुली (नयार घाटी) का नाम, क्या है सतपुली का इतिहास ?

Culture

गुलमोहर के फूल को "स्वर्ग का फूल" के नाम से क्यों जाना जाता है?

Uttarakhand Tourism

यह है "पहाड़ी डाई फ्रूट" जिसे छीउनता भी कहा जाता है।

Uttarakhand Tourism

मोहान में नदी कोर्बेट के पास कैंपिंग और कॉटज दोनों का आनंद।

Uttarakhand Tourism

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*