देसी शराब के एक ब्रांड का नाम काफल और माल्टा पर रखे जाने पर उत्तराखंड में कुछ लोगों की भावनाएं को ठेस पहुंची है! ऐसा नहीं है कि काफल और माल्टा एक्सक्लूसिवली उत्तराखंड में ही फलते हों। पूरी हिमालयन बेल्ट में ये दोनों फल मिलते...
पहाड़ का आदमी रिटायर होने के बाद अपनी जिंदगी भर की कमाई पूंजी देहरादून-दिल्ली में मकान बनाकर क्यों खर्च कर देता है।
पहाड़ का आदमी रिटायर होने के बाद अपनी जिंदगी भर की कमाई पूंजी देहरादून-दिल्ली में मकान बनाकर क्यों खर्च कर देता है। उस पूंजी को वह अपने गांव (जहां उसकी जड़ें हैं) में मकान बनाकर सुकून भरा रिटायरमेंट जीवन बिता सकता है।
फूलों की घाटी, उत्तराखंड, एक अद्भुत राष्ट्रीय उद्यान। Valley of Flowers, Uttarakhand, a wonderful national park.
फूलों की घाटी, उत्तराखंड, एक अद्भुत राष्ट्रीय उद्यान है जो अपनी बेमिसाल प्राकृतिक सुंदरता और विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ कुछ प्रमुख बातें हैं: विशेषताएँ: 1. स्थान: यह घाटी उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है, औली से लगभग 3000 मीटर की ऊँचाई पर।...
पहाड़ (उत्तराखंड) की नारी सब पर भारी। The women of the mountains (Uttarakhand) are superior to everyone.
जिस तरह से यहाँ की नारी अपना दायित्व निभाती है, उनपर ये कहावत सटीक बैठती है। जंगल से घास ,लकड़ियाँ लाने से लेकर, खेत खलिहान में काम करना ओर घर के चौके चूल्हे से लेकर अनेकों कार्य जिस तरह से करती है वो काबिलेतारीफ है।
कुमाऊनी खानपान की प्रमुख विशेषताएं। Main features of Kumauni food.
ख़ास तौर से जाड़े का मौसम आने पर हमारी कुमाऊँनी रसोइयों में किस कदर दिव्य भोजन बनता है, शब्दों के बयान से बाहर की चीज़ है! सुघड़ घरों में इस मौसम की शुरुआत से ही भण्डार भरने का सिलसिला चालू हो जाता है – भट,...
उत्तराखंड के लाल का कनाडा में कमाल “खास पट्टी रेस्टोरेंट की शुरुवात की”।
कनाडा में देवप्रयाग क्षेत्र की खास पट्टी के सैफ संजय चंद को ढेरों शुभकामनाएं।💐🥰❣️ कई वर्षों की मेहनत और लगन से इन्होंने कनाडा में खास पट्टी रेस्टोरेंट की शुरुवात की है। जहां उत्तराखंड और पहाड़ी व्यंजनों के साथ साथ इंडियन डिश भी विदेश में परोसी...
जीवन की पहली किताब उस रोशनी के नाम थी जिसे हम ‘लम्फू’ कहते थे।
जीवन की पहली किताब उस रोशनी के नाम थी जिसे हम ‘लम्फू’ कहते थे। पढ़ाई से लेकर लड़ाई तक लम्फू हमसफर था। ईजा और लम्फू दोनों रोशनी देते रहे लेकिन उनके इर्द-गिर्द अंधेरा बड़ा घेरा बनाता गया। दिन ढलते ही लम्फू में मिट्टी का तेल...
मिट्टी के घर उत्तराखंड के पौराणिक संस्कृति का हिस्सा है। Mud houses are part of the ancient culture of Uttarakhand.
मिट्टी के घर उत्तराखंड के पौराणिक संस्कृति का हिस्सा है। इस घर में गर्मी के दिनों में गर्मी का और ठंड के दिनों में ठंड का एहसास नहीं होता है ! फिलहाल अब विलुप्ति की कगार पर हैं!
ये है विनोद मैठाणी अपने गाँव के प्रति प्यार ने इनको नौकरी छोड़ गाँव में ही स्वरोजगार करने की प्रेरणा दी।
दोस्तों ये है विनोद मैठाणी, कोटद्वार में सिनेमारोड गढ़वाल टाकीज के सामने शॉप करते है (असवाल मेडीकल स्टोर के जस्ट निकट)। इनके जज़्बे को देखकर आपका इन्हें सलाम करने का मन करेगा। विनोद पहले हरिद्वार के पास नौकरी करते थे लेकिन अपने गाँव के प्रति...
क्या आपने भी देखी पनचक्की? Did you also see the watermill?
क्या आपने भी देखी पनचक्की? Did you also see the watermill? उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में जब बिजली जैसी चीजें उपलब्ध नही थी तब पानी से चलने वाले पनचक्की हुवा करते थे जिसे पानी के तेज बहाव को गौत की लकड़ी का बड़ा सा पाइप...