अरसा बनने की तैयारी शुरू पहाड़ों में शादी-ब्या सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि हर रस्म में बसा होता है एक गहरा एहसास। जब कोई बेटी अपने मायके से विदा होकर ससुराल जाती थी, तो उसकी विदाई को खास बनाने के लिए घर के बुजुर्ग अड़से बनाते थे। ये सिर्फ मिठाई नहीं, बल्कि मां-बाप के प्यार, आशीर्वाद और उस बेटी की खुशियों की दुआओं का प्रतीक होते थे। आज भी इन परंपराओं में हमारी संस्कृति और भावनाएं झलकती हैं। आइए, इस अद्भुत विरासत को संजोएं और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं।
उत्तराखंड की शादीयों में “अरसे” बनाने की रस्म जरूरी है।
"नया नौ दिन पुराना सौ दिन" उत्तराखंड के ये मकान आज भी समय की मार से बचे हुए है।
उत्तराखंड मैं पुराने समय के परम्परागत भवन उन्नत इंजीनियरिंग। Traditional House of Uttarakhand.
कोदे की रोटी खाने का आनंद ही अलग है खासकर जब भूख लगी हो।
पहाड़ी क्षेत्रों मे होने वाली सब्जी ककोड़ा, मीठा करेला, परमल सज्ञा करेला और भी कई नामों से जाना जाता ह...