जिस तरह से यहाँ की नारी अपना दायित्व निभाती है, उनपर ये कहावत सटीक बैठती है। जंगल से घास ,लकड़ियाँ लाने से लेकर, खेत खलिहान में काम करना ओर घर के चौके चूल्हे से लेकर अनेकों कार्य जिस तरह से करती है वो काबिलेतारीफ है।
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शहरों में पूरा जीवन इसलिए भटकते रहे की एक दिन बहुत सारा पैसा कमा के फिर सुकून से रहूंगा
एक दौर था जब खेतों मे क्रिकेट मैच खेले जाते थे गांव का किसी का भी अच्छी लोकेशन पर खेत चुनते थे।
कुमाऊँ में दीपावली पर ऐपण डालने की परम्परा। Tradition of applying Aipan on Diwali in Kumaon.
उत्तराखंड के पहाड़ बहुत सुंदर हुए इसीलिए नजर लग गई।