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ये है विनोद मैठाणी अपने गाँव के प्रति प्यार ने इनको नौकरी छोड़ गाँव में ही स्वरोजगार करने की प्रेरणा दी।

दोस्तों ये है विनोद मैठाणी, कोटद्वार में सिनेमारोड गढ़वाल टाकीज के सामने शॉप करते है (असवाल मेडीकल स्टोर के जस्ट निकट)। इनके जज़्बे को देखकर आपका इन्हें सलाम करने का मन करेगा। विनोद पहले हरिद्वार के पास नौकरी करते थे लेकिन अपने गाँव के प्रति प्यार ने इनको जादा दिन गाँव से दूर नहीं रहने दिया और नोकरी छोड़ कर कोटद्वार में रहने का मन बना लिया। आज मनोज का खाना इंद्रा भोजनालय से भी सस्ता है और स्वादिष्ठ है। जो आलू का पराठा पूरे कोटद्वार में 25 से 30 रुपये का बिकता है मनोज उससे कही अच्छा और स्वादिष्ठ पराठा 10 रुपये में देते है। मित्रों आप जब भी कोटद्वार जाए तो स्टेशन के पास ठगने से अच्छा है की अपने पहाड़ी भाई के पास अच्छा, सस्ता और स्वादिष्ठ खाना खाये, जंहा आपको आलू के परांठे, राजमा चावल और कड़ी चावल सबसे सस्ते रेट में मिल जाएगा। अगर बहार नोकरी करने वाला हर युवक विनोद मैठाणी की तरह सोच रखे तो एक दिन पलायन जरूर रुकेगा।

यह भी पढ़िये :-  90 के वक्त उत्तराखंड में गाँव की शादी समारोह में न टेंट हाऊस थे और न कैटरिंग, थी तो बस सामाजिकता।

अगली बार कोटद्वार जब भी जाए सुबह 6 से 1 के बीच पंडित जी के नाम से प्रसिद्ध विनोद के यंहा खाना जरूर खाये।
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