दोस्तों ये है देवेन्द्र प्रसाद, उत्तराखण्ड राज्य के पौड़ी जिला अंर्तगत, ब्लॉक यमकेश्वर के ग्राम उमड़ा, डांग के निवासी है। पित्रों की भूमि को नहीं छोड़ पाए देवेन्द्र। ये हैं, तो जिंदा है गांव आज भी। देवेन्द्र प्रसाद जैसे ही सैकड़ों किसानों की बदौलत उत्तराखण्ड के गांव जीवित हैं। जो धारा के विपरीत पलायन को मात देकर इन पहाड़ों में अनाज रूपी रत्न उगा रहे हैं। उत्तराखण्ड में घोस्ट विलेज की तस्वीर को बदलकर समृद्ध व सामर्थ्यवान प्रदेश की छवि बना रहे हैं। देवेन्द्र प्रसाद जैसे किसानों को दिल से सलाम।
Home » Pauri » पित्रों की भूमि को नहीं छोड़ पाए देवेन्द्र ग्राम उमड़ा पौड़ी गढ़वाल के। Devendra could not leave the land of his ancestors in village Umda, Pauri Garhwal.
पित्रों की भूमि को नहीं छोड़ पाए देवेन्द्र ग्राम उमड़ा पौड़ी गढ़वाल के। Devendra could not leave the land of his ancestors in village Umda, Pauri Garhwal.
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल निवासी अर्जुन पंवार सेब की खेती से युवाओं के सामने नई मिसाल पेश कर रहे है।
श्रीनगर का प्राचीन शहर निरंतर बदलाव के बाद भी अपने अस्तित्व को बचाये रखा है
सांगलाकोटि गांव पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड। Sanglakoti Village, Pauri Garhwal, Uttarakhand.
ग्राम ग्वाड मल्ला एकेश्वर पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड। Village Gauda Malla Ekeshwar Garhwali, Uttarakhan...