1858 में लंढौर मसूरी का रंगीन स्केच। पेंटिंग पर लिखा है ‘लंढौर हाउस’। वैसे तो मैंने 1800 के दशक के मसूरी के कई स्केच देखे हैं, लेकिन उनमें से कोई भी रंगीन नहीं था। 1858 का यह रंगीन स्केच इस मायने में खास है।
Related posts:
हमारे पुरखों ने जो मकान बनाया हमारे लिए वह हमें आवाज लगा रहे हैं आ जाओ प्लीज।
Culture
बेडू तो पकता नही 12 महीने फिर बेडू पाको बारमाशा क्यों?
Culture
तांबे के ये कारीगर बागेश्वर तहसील के अन्तर्गत मल्ली व तल्ली खरे के बीस गाँवों में परम्परागत तांबे के...
Culture
गढ़वाल के पारंपरिक व्यंजनों के लिए "बूढ़ दादी" होटल हरिद्वार रोड शास्त्री नगर उत्तराखंड।
Culture
बंद पड़े ताले 🔐 , आँगन में उगती घास 🍀, वीरान होते पहाड़।
Culture
यह है उत्तराखंड की "पहाड़ी थार" "Pahadi Thar" 90 के दशक मे पहाड़ौ मे राज करती थी।
Culture
पहाड़ी शैली में बने "पठाल" की छत वाले घर उत्तराखण्ड की समृद्ध वास्तुकला के प्रतीक हैं।
General Knowledge
उत्तराखंड में हिमपात होने के कारण पठाल के ढालदार मकान बनाए जाते हैं।
Culture
उत्तराखंड की 9वीं की छात्र की कलाकारी देखिए चीड़ की पत्तियों से बनाई खूबसूरत टोकरियाँ।
Culture