
कोदे की रोटी खाने का आनंद ही अलग है खासकर जब भूख लगी हो- जब कभी हल लगाकर और जंगल में लकड़ी काटकर घर आता तो घी और गुड़ के साथ या ऐसे ही खा जाता था वो दिन कभी लौट भी आएंगे कि नहीं यही सोचता हूँ- आप क्या सोचते हैं ? अपने अनुभव भी कमेंट में साझा करें मित्रों।