अरसा बनने की तैयारी शुरू पहाड़ों में शादी-ब्या सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि हर रस्म में बसा होता है एक गहरा एहसास। जब कोई बेटी अपने मायके से विदा होकर ससुराल जाती थी, तो उसकी विदाई को खास बनाने के लिए घर के बुजुर्ग अड़से बनाते थे। ये सिर्फ मिठाई नहीं, बल्कि मां-बाप के प्यार, आशीर्वाद और उस बेटी की खुशियों की दुआओं का प्रतीक होते थे। आज भी इन परंपराओं में हमारी संस्कृति और भावनाएं झलकती हैं। आइए, इस अद्भुत विरासत को संजोएं और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं।