Home » Culture » बद्री दत्त बमोला, जिन्हें बद्री महाराज के नाम से जाना जाता था, फिजी में विधान परिषद के पहले भारतीय सदस्य थे।

बद्री दत्त बमोला, जिन्हें बद्री महाराज के नाम से जाना जाता था, फिजी में विधान परिषद के पहले भारतीय सदस्य थे।

1928: बद्री दत्त बमोला, जिन्हें बद्री महाराज के नाम से जाना जाता था, फिजी में विधान परिषद के पहले भारतीय सदस्य थे। उन्होंने 1916 से 1923 और 1926 से 1929 के बीच दो बार फिजी में विधान परिषद में मनोनीत सदस्य के रूप में कार्य किया। वे रुद्रप्रयाग के बमोली गांव के मूल निवासी थे और 1890 में प्रवासी मजदूर के रूप में फिजी पहुंचे और विदेशी धरती पर तेजी से प्रगति की। बद्री दत्त बमोला और उनकी पत्नी की 1928 की एक तस्वीर। वे 1928 में गढ़वाल में अपने पैतृक गांव गए और फिजी लौटने के बाद उनकी मृत्यु हो गई। वे ‘जय फिजी समाचार’ नामक एक समाचार पत्र प्रकाशित करते थे।

Related posts:

उत्तराखंड में सावन के महीने में प्रकृति की सुंदरता पर एक सूंदर कविता।

Culture

रिंगाल मेन राजेन्द्र बडवाल की बेजोड हस्तशिल्प कला, रिंगाल से बनाया उत्तराखंड का राज्य पक्षी मोनाल।

Chamoli

उत्तराखंड के लाल का कनाडा में कमाल "खास पट्टी रेस्टोरेंट की शुरुवात की"।

Culture

ना फिल्टर का शोर, ना ब्रांड का मोल। बस पहाड़ों का पानी प्रकृति की सबसे अनमोल देन।

Culture

1858 में  लंढौर मसूरी का रंगीन स्केच। पेंटिंग पर लिखा है 'लंढौर हाउस'। Colour sketch of Landour, Mus...

Culture

बाणासुर का किला लोहाघाट चम्पावत, उत्तराखंड। Banasur Fort Lohaghat Champawat, Uttarakhand.

Culture

ये हैं विनोद घिल्डियाल से जिन्होंने उत्तराखंड में  पशुओं के लिए हरा चारा उगाने पर काम किया और सफल भी...

Culture

ये हैं उत्तराखंड के चमोली गढ़वाल में छोटे से गांव दुपटोली के रहने वाले हस्त शिल्प कलाकार दर्शन लाल।

Culture

निराशवादियों को इस टमाटर के पौधे से कुछ सीख लेनी चाहिए।

Culture
यह भी पढ़िये :-  बारिश का मौसम हो और साथ में भट्ट भून के खाने का स्वाद ही कुछ और है।

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.