
आजकल ये दंड लगभग पूर्णतः बंद हो गया है। पुराने जमाने में छोटी से छोटी गलती का भी ये दंड तो दे ही दिया जाता था। इस दंड के दोहरे फायदे थे, सजा की सजा और स्वास्थ्य वर्धक भी।
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Priti Tiwari from Uttarakhand currently live in kharar.