Home » Culture » 80 वर्षीय धनी राम ने उत्तराखंड की पुरानी मशहूर हस्तशिल्प कला को बचाए रखा है। 80-year-old Dhani Ram has preserved the ancient famous handicraft art of Uttarakhand.

80 वर्षीय धनी राम ने उत्तराखंड की पुरानी मशहूर हस्तशिल्प कला को बचाए रखा है। 80-year-old Dhani Ram has preserved the ancient famous handicraft art of Uttarakhand.

ये हे 80 वर्षीय धनी राम जो की उत्तराखंड के रहने वाले हैं धनी राम ने उत्तराखंड की पुरानी मशहूर हस्तशिल्प कला को बचाए रखा है, आप भी उनके द्वारा बनाई गई हस्तशिल्प कला को देखिए, सबसे अच्छी बात ये हे की अब उनके परिवार की अगली पीढ़ी ने इस कला को जीवित रखने की जिम्मेदारी उठाई है वो इस कला से न केवल अपनी आजीविका चला रहे हैं बल्कि इस हस्तशिल्प कला की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए दूसरों को भी प्रशिक्षण दे रहे हैं। 

Related posts:

स्वरोजगार की मिसाल दे रही हैं पौड़ी की बसंती नेगी। Swarojgaar Ki Misal de rahi hai Pauri ki Basanti ...

Culture

पौड़ी और हिमालय। Pauri and the Himalayas.

Uttarakhand Latest

पहाड़ो मैं इस टाइप के घर कितने अच्छे लगते है बिल्कुल सुनसान जगहों पर।

Culture

उत्तराखंड के बागेश्वर के मल्ली व तल्ली खरे के बीस गाँवों में परम्परागत तांबे के बर्तन बनाते हैं।

Culture

उत्तराखंड में अब नदी नालों के ऊपर ही बड़े-बड़े कालम डालकर उसके ऊपर रोड बनाई जा रही है।

Uttarakhand Latest

यही हैं बेडू। उत्तराखंड के बेहतरीन बेडू 250.00 किलो तक बिकता है ।

Culture

उत्तराखंड की पहली महिला रेलवे असिस्टेंट लोको पायलेट अंजलि शाह। अंजलि पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल निवासी...

Uttarakhand Latest

देवभूमि उत्तराखंड में पलायन के बाद ऐसे ही बहुत से घर आज विरान पड़ चुके हैं।

Uttarakhand Latest

कैसी होती थी 90 के दशक के समय गाँव की शादी समारोह?

Culture
यह भी पढ़िये :-  शहरों में पूरा जीवन इसलिए भटकते रहे की एक दिन बहुत सारा पैसा कमा के फिर सुकून से रहूंगा

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*