Home » Uttarakhand Tourism » गुलमोहर के फूल को “स्वर्ग का फूल” के नाम से क्यों जाना जाता है?

गुलमोहर के फूल को “स्वर्ग का फूल” के नाम से क्यों जाना जाता है?

स्वर्ग का फूल 🌹

 

वास्तव में गुलमोहर का सही नाम ‘स्वर्ग का फूल’ ही है। भरी गर्मियों में गुलमोहर के पेड़ पर पत्तियाँ तो नाममात्र होती हैं, परंतु फूल इतने अधिक होते हैं कि गिनना कठिन। यह भारत के गरम तथा नमी वाले स्थानों में सब जगह पाया जाता है। गुलमोहर के फूल मकरंद के अच्छे स्रोत हैं। शहद की मक्खियाँ फूलों पर खूब मँडराती हैं। मकरंद के साथ पराग भी इन्हें इन फूलों से प्राप्त होता है। फूलों से परागीकरण मुख्यतया पक्षियों द्वारा होता है। सूखी कठोर भूमि पर खड़े पसरी हुई शाखाओं वाले गुलमोहर पर पहला फूल निकलने के एक सप्ताह के भीतर ही पूरा वृक्ष गाढ़े लाल रंग के अंगारों जैसे फूलों से भर जाता है। ये फूल लाल के अलावा नारंगी, पीले रंग के भी होते हैं।

फूलों से लदा गुलमोहर
भारत में इसका इतिहास करीब दो सौ वर्ष पुराना है। संस्कृत में इसका नाम ‘राज-आभरण’ है, जिसका अर्थ राजसी आभूषणों से सजा हुआ वृक्ष है। गुलमोहर के फूलों से श्रीकृष्ण भगवान की प्रतिमा के मुकुट का श्रृंगार किया जाता है। इसलिए संस्कृत में इस वृक्ष को ‘कृष्ण चूड’ भी कहते हैं। भारत के अलावा यह पेड़ युगांडा, नाइजीरिया, श्री लंका, मेक्सिको, आस्ट्रेलिया तथा अमेरिका में फ्लोरिडा व ब्राजील में खूब पाया जाता है। आजकल इसके वृक्ष यूरोप में भी देखे जा सकते हैं। मेडागास्कर से इस पेड़ का विकास हुआ पर अब वहां यह लुप्त होने की दशा में है; इसलिए इसकी मूल प्रजाति को अब संरक्षित वृक्षों की सूची में शामिल कर लिया गया है। गुलमोहर के फूल मकरंद के अच्छे स्रोत हैं। शहद की मक्खियाँ फूलों पर खूब मँडराती हैं। मकरंद के साथ पराग भी इन्हें इन फूलों से प्राप्त होता है। सूखी कठोर भूमि पर खड़े फैली हुई शाखाओं वाले गुलमोहर पर पहला फूल निकलने के एक सप्ताह के भीतर ही पूरा वृक्ष गाढ़े लाल रंग के अंगारों जैसे फूलों से भर जाता है। वसंत से गर्मी तक यानी मार्च अप्रैल से लेकर जून जुलाई तक गुलमोहर अपने ऊपर लाल-नारंगी रंग के फूलों की चादर ओढ़े भीषण गर्मी को सहता देखने वालों की आँखों में ठंडक का अहसास देता है। इसके बाद फूल कम होने लगते हैं, पर नवंबर तक पेड़ पर फूल देखे जा सकते हैं। इसकी इसी विशेषता के कारण पार्क, बगीचे और सड़क के किनारे इसे लगाया जाता है।

यह भी पढ़िये :-  खूबसूरत हिल स्टेशन पौड़ी के नजदीक घुडदौडी व खोलाचौरी तेजी से नए पर्यटन केंद्र के रूप में उभर रहे हैं।

गुलमोहर के फूलों के खिलने का मौसम अलग अलग देशों में अलग-अलग होता है। दक्षिणी फ्लोरिडा में यह जून के मौसम में खिलता है तो कैरेबियन देशों में मई से सितम्बर के बीच। भारत और मध्यपूर्व में यह अप्रैल-जून के मध्य फूल देता है। आस्ट्रेलिया में इसके खिलने का मौसम दिसम्बर से फरवरी है, जब इसको पर्याप्त मात्रा में गरमी मिलती है। उत्तरी मेरीयाना द्वीप पर यह मार्च से जून के बीच खिलता है।

गुलमोहर फूल के फायदे
गुलमोहर फूल बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है। गुलमोहर फूल बालों के झड़ने की समस्या को खत्म करने के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी साबित होता है। इसमें डायरिया की परेशानी को ठीक करने का इलाज मौजूद होता है। गुलमोहर फूल मुंह में होने वाले छाले को ठीक करने के लिए बहुत लाभकारी होता है। गुलमोहर फूल में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के गुण एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीमाइरियल, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीऑक्सिडेंट, कार्डियो-प्रोटेक्टिव, गैस्ट्रो-प्रोटेक्टिव जैसे तत्वों के मौजूद होते है जो बिमारियों के इलाज के लिए बहुत फायदे के साबित होते है।
पुराने समय में लोग इस पेड़ के फल, फूल, हरी पत्तियां और तने का इस्तेमाल कई गम्भीर बीमारियों के इलाज में किया करते थे. इसकी पत्तियों, फूल और फल में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो जटिल से जटिल बीमारियों को जड़ से खत्म करने में कारगर साबित होते हैं।

यह भी पढ़िये :-  ओम पर्वत से पहली बार बर्फ गायब | For the first time snow disappeared from Om Parvat।

स्वर्ग का फूल’ गुलमोहर

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*