माल्टा रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति को बढ़ाता है और विटामिन-सी की कमी को भी पूरा करता है। माल्टा निमोनिया, ब्लड प्रेशर और आंत संबंधित समस्याओं के लिए भी रामबाण है। यह साइट्रस प्रजाति का फल है, जिसका वैज्ञानिक नाम सिट्रस सीनेंसिस है। माल्टे का जूस पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर है। माल्टा का सेवन शरीर में एंटीसेप्टिक और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों को बढ़ाता है। माल्टा के छिलके का उपयोग सौन्दर्य प्रसाधन, भूख बढ़ाने, अपच और स्तन कैंसर के घाव की दवा में भी किया जाता है। माल्टा सर्दियों में उत्तराखंड में बहुत बड़ी मात्रा में मिल जायेगा। चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चम्पावत तथा उत्तरकाशी में माल्टा बहुत मात्र में पैदा होता है।