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मंडुआ शर्करा मुक्त (शुगर फ्री) अनाज है जिसके सेवन से रक्त में शर्करा की मात्रा संतुलित रहती है।

उत्तराखंड के पारंपरिक अनाज का काला राजा मंडुआ🌾

manduva crop uttarakhand

  1. वैसे इसका वैज्ञानिक नाम एलिसाइन कोराकाना है।
  2. मंडुआ उत्तराखंड के बारानाजा परिवार का मुख्य सदस्य है।
  3. ये बारानाज कोदा, झंगोरा, गहथ, तिल, भट्ट, चौलाई, राजमा, लोबिया, तोर, उड़द, ज्वार, नौरंगी हैं जिन्हें उत्तराखंड में गेंहू और धान के साथ मिश्रित फसल के रूप में उगाते हैं।
  4. बिना किसी विशेष उपजाऊ भूमि या अधिक मेहनत के मई जून में बुआई के साथ सितंबर तक छोटी घुमावदार बालियों में तैयार हो जाता है फिर इसकी बालियां सूखने से पहले ही कटाई के साथ खलियान में सुखाकर इसके दानों के ऊपर लगे सफेद परत को साफकर काले दानों के रूप में कोदा प्राप्त कर लिया जाता है। बाकी बची घास को जानवर का चरा रूप में संग्रहित किया जाता है।
  5. मंडुआ शर्करा मुक्त (शुगर फ्री) अनाज है जिसके सेवन से रक्त में शर्करा की मात्रा संतुलित रहती है इसलिए मधुमेह से पीड़ित रोगियों के लिए मंडुआ बहुत ही लाभकारी है।
  6. मंडुआ लौह तत्व से भरपूर अनाज है। एनीमिया में हरे पत्तेदार सब्जी के साथ इसके लगातार सेवन से हीमोग्लोबिन में वृद्धि होती है।
  7. कोदा एक ऐसा अनाज है जो कैल्शियम से भरपूर है। कोदे में 80 प्रतिशत कैल्श्यिम की मात्रा होती है। इस मोटे अनाज में चावल की तुलना में 34 गुना और गेंहू की तुलना में 9 गुना अधिक कैल्शियम होता है। जिससे की हड्डियों और दांतों की मजबूती बनी रहती है।
  8. मंडुआ को रक्तचाप संतुलन के लिए भी प्रयोग किया जाता है। कोदे के सेवन के बाद नींबू पानी पीने से रक्तचाव की समस्या को भी ठीक किया जा सकता है।
  9. कोदा फाइबर से भरपूर (रिच फाइबर) अनाज है जिसके सेवन से पेट की गैस या कब्ज की समस्या भी दूर रहती है और पाचन शक्ति भी सुचारू रहती है। कोदा जल्दी पाचने वाला निरोगी अनाज है।
  10. क्षारीय अनाज होने के कारण बवासीर से परेशान लोगो के लिए लाभकारी होता है। इसके सेवन से अल्सर की शिकायत नहीं होती।
  11. गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए भी मंडुआ बहुत गुणकारी है क्योंकि इसमें अमीनो एसिड और प्रोटीन के गुण होते हैं जो बच्चे के शारीरिक और मानसिक सेहत का ध्यान रखते है।
  12. डॉक्टरों का मानना है कि इसके नियमित सेवन से आंखों का रतौंधी रोग भी दूर होता है।
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