Home » Dharmik » रावण का कैलाश पर्वत को उठाना, जीवन की बहुत बड़ी सीख है। 

रावण का कैलाश पर्वत को उठाना, जीवन की बहुत बड़ी सीख है। 

पुराणों स्मृतियों में हम पाते है, शिवजी ने सबको ज्ञान दिया है, सबको समझाया है लेकिन उन्होंने रावण को कभी नही समझाया।

किसी ने शंकरजी से पूछा – प्रभु आप सबको समझाते है, आप रावण को क्यों नही समझाते ?

शंकर जी ने कहा :-क्योंकि मैं रावण को समझता हूं, इसलिए उसे नही समझाता। जो लोग रावण को समझाते है, वह खुद नासमझ हैं।

शंकर जी ने कहा – यह रावण मुझसे जब भी मिलता है, मुझे कहता है, गुरुजी इधर देखिए आपके तो 5 सिर है, मेरे तो दस हैं।

अब जो खुद को गुरु से दुगना ऐसे ही समझे, उसे गुरु समझाए तो भी क्या समझाए ? ज्ञान तो श्रद्धावान को मिलता है, अहंकारियों को थोड़ी न ज्ञान प्राप्त हो सकता है ।

यह भी पढ़िये :-  दुनिया को पृथ्वी के गोल होने का कन्फर्म ज्ञान आज से 500-600 साल पहले मिला, जबकि यह मूर्ति जगन्नाथ मंदिर में हजारों साल पहले से है।

एक किवदंती के अनुसार एक बार रावण कैलाश गया और उसने कैलाश पर्वत को ही सिर पर उठा लिया, कैलाश में हलचल मच गई।

पार्वती जी ने पूछा – हे देवाधिदेव यह क्या हो रहा है ?
शंकर जी ने कहा – शिष्य आया है …
पार्वती ने पूछा – तो इतनी हलचल क्यो है ?
शंकर जी कहा – रावण जैसे शिष्य आएंगे, तो हलचल ही मचेगी ।
किसी ने रावण को पूछा – यह क्या कर रहे हो ?
रावण ने कहा – गुरुजी को शिरोधार्य कर रहे है …
भला यह कैसा शिरोधार्य ?

शिष्य को तो गुरु के चरणों मे लिपट जाना चाइये, और गुरु उसे अपने हाथों से उठाएं। 
गिरना शिष्य का काम है, और गिरे हुए को उठाना गुरु का काम है और रावण जैसे शिष्य सोचते है, की हम गुरु को ऊपर उठा रहे हैं ।

यह भी पढ़िये :-  गोबर-गणेश की पूजा कैसे की जाती है क्या है इसकी विधि?

जब भी हम खुद को गुरु से श्रेष्ठ समझने लग जाए, तो समझिए हमारा नाश सिर पर आ गया है । स्कूल के गुरु हो, या जीवन की शिक्षा देने वाले माता पिता, या हो सतगुरु, उनके तो चरणों मे ही लिपटा रहना चाहिए, कल्याण इसी में है ।।

Related posts:

मध्यमहेश्वर जहां भगवान शिव की नाभी की पूजा की जाती है।Madhyamaheshwar where the navel of Lord Shiva ...

Dharmik

तुलसी के पौधे को घर में लगाने से पहले इन बातों का ध्यान रखें। Keep these things in mind before plant...

Dharmik

कोट भ्रामरी मंदिर काज्यूली, डंगोली, बागेश्वर, उत्तराखंड। Kot Bhramari Temple Kajyuli, Dangoli, Bages...

Dharmik

गोबर-गणेश की पूजा कैसे की जाती है क्या है इसकी विधि?

Dharmik

वराह अवतार (Varaha Avatar) हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु के दस अवतारों में से तृतीय अवता...

Dharmik

रामायण के कुछ रोचक तथ्य। जो आपको याद रखने चाहिए।

Dharmik

जब सोमनाथ के मंदिर को विध्वंस करने के लिए मोहम्मद गजनवी सोमनाथ पहुंचा तो।

Dharmik

कितनी तरह के अवतार होते हैं? How many types of avatars are there?

Dharmik

समुद्र मंथन से प्राप्त चौदह रत्नों का रहस्य। The secret of the fourteen gems obtained from the Samud...

Dharmik

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*