वो सो,भादो,अशोज का महीना
कद्दू ककड़ी लोंकी का लगिलो पर लगना
झंगोरे, कोणी, मडवे की बाली का आना
वो ईजा का राती को चाय पिलाना
बुबू का दिनभर हुक्का पीना
ना जाने कहा गए हैं वो दिन
चिड़ियों का आंगन पर चहचाना
बूढ़ी दादी का चिड़ियों को दाना खिलाना
गायों बल्दो और भेषों को धुंआ लगाना
मेढक का शाम को टर टराना
धीरे धीरे समापन होते हुए ये पल
तुमसे कहूंगा वापिस आओ मेरे आंगन में
फिर से नए दीप जलाओ मेरे घर में
वो भूम्याल और कुल देवता की पूजा कराओ
ये पलायन जैसी केंसर की बीमारी भगाओ
उत्तराखंड में सावन के महीने में प्रकृति की सुंदरता पर एक सूंदर कविता।
उत्तराखंड के लाल का कनाडा में कमाल "खास पट्टी रेस्टोरेंट की शुरुवात की"।
पहाड़ों मे होने वाली सब्जियां जो बरसात के समय मे होती है।
एक दौर था जब खेतों मे क्रिकेट मैच खेले जाते थे गांव का किसी का भी अच्छी लोकेशन पर खेत चुनते थे।
उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले के मुकुल बडोनी (#Mukul_Badoni) एक प्रतिभाशाली कलाकार।