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बीरोंखाल की श्रीमती धनी कांति चंद और उनके पति विजय पाल चंद बने पहाड़ों में स्वरोजगार की मिसाल।

मटकुण्ड गांव, बीरोंखाल, पौड़ी गढ़वाल की श्रीमती धनी कांति चंद और उनके पति विजय पाल चंद ने बंजर पड़े खेतों को आबाद कर स्वरोजगार अपनाया है। इन मेहनतकश पहाड़ी बागवानों ने बागवानी के बल पर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाए हैं, जो हर उत्तराखंडी के...

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उत्तराखंड मे टेढ़ी मेडी सड़क पर चलती हुई गाड़ी। A vehicle moving on a winding road in Uttarakhand.

पहाड़ों की बेहद खतरनाक डरावनी सड़क जिस पर चलना देखने से ज्यादा मुश्किल है। हमारे गांव रांथी की खच्चर सड़क जो 19वें दशक में बनी लेकिन अभी भी हाल वही पहाड़ी सड़क पर दौड़ती हुई बोलेरा 4×4.

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कोटबाग़ रामनगर उत्तराखंड पैदल सफारी को हो जाईये तैयार। Get ready for Kotbagh Ramnagar Uttarakhand walking safari.

20 मिनट घने जंगल में ट्रेक करने के बाद जो पानी का प्राकृतिक सोता आता है ना उसमें गर्मी में नहाने का आनंद ही कुछ और है, यह एक बिल्कुल जंगल में बना एक लग्जरी रिजॉर्ट है जिसकी बनावट ऐसी की गई है की गर्मियों...

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नैनीताल के ज्योलिकोट से भवाली मार्ग पर क्षेत्रीय युवाओं के द्वारा एक आधुनिक फ़ूड इंजन वेन को रोजगार से जोड़ा गया है।

आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम जहां एक ओर लॉक डाउन के बाद रोजगार का संकट पैदा हुवा है। तो वही ज्योलिकोट से भवाली मार्ग पर क्षेत्रीय युवाओं के द्वारा एक आधुनिक फ़ूड इंजन वेन को रोजगार से जोड़ा गया है। जो एक हाईटेक वैन...

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यह है पहाड़ का स्विमिंग पूल हमारे यहां इसे डिग्गी बोलते हैं। This is the mountain swimming pool, we call it diggi here.

यह डिग्गी इसलिए बनाया जाता है जो पानी इसमें इकट्ठा होता है दो-तीन दिन में उसे खेतों की सिंचाई की जाती है और बच्चों के नहाने के लिए स्विमिंग पूल भी बन जाता है आप नहाए कभी ऐसे डिग्गी में बल

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पहाड़ों में महिलाओं की मेहनत कढ़कती धूप में दिन भर घास का काटना।

पहाड़ों में महिलाओं की मेहनत कढ़कती धूप में दिन भर घास का काटना साथ में शाम को 40 kg का बोझ पीठ पर ले जाना वास्तव में पहाड़ों का जीवन बहुत ज्यादा व्यस्त और कठिनाई भरा है क्या आपने अपने काम को खत्म कर दिया...

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आज MeruMuluk.com की टीम ने गढ़ समाज के जानेमाने विशेष व्यक्तियों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए उन्हें समृति चिन्ह प्रदान किये।

नमस्कार दगड़ियों। आज MeruMuluk.com की टीम ने गढ़ समाज के जानेमाने विशेष व्यक्तियों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए उन्हें समृति चिन्ह प्रदान किये। जिसमे प्रथम है श्री हरीश बडथवाल जी , श्री सतीश जोशी जी और श्री दीपक बलूनी जी जिनके असीम सहयोग के...

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एक समय था जब उत्तराखंड की गावों की शादियों में टेंट नहीं होते थे।

एक समय था जब गांव में टेंट नहीं होते थे। पारिवारिक कार्यक्रमों में, सब सामान गांव से जुटाया जाता था। बिस्तर, दूध, दही—सब मिलकर ही तैयार होता था। बारात आती तो पूरा गांव एक घर की तरह एकजुट हो जाता। बुजुर्ग बिना खाए ही मेहमानों...

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