गांव मरोड़ा, टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड का एक खूबसूरत हसीन वादियाँ।
हेमकुंड झील में ब्रह्म कमल के फूल। Brahma Kamal flowers in Hemkund Lake.
हेमकुंड झील में ब्रह्म कमल के फूल। Brahma Kamal flowers in Hemkund Lake.
कैसे पड़ा सतपुली (नयार घाटी) का नाम, क्या है सतपुली का इतिहास ?
ऐसा कहा जाता है कि सतपुली का नाम इस तथ्य से पड़ा कि कोटद्वार से इसके रास्ते में 7 सात पुल (सात-पुल) हैं। कुछ दशक पहले तक, यह क्षेत्र मुख्य रूप से कृषि भूमि था। धीरे-धीरे, नदी के एक किनारे पर कुछ झोपड़ीनुमा दुकानें खुल...
बनना था डॉक्टर लेकिन बन गए MMA फाइटर, अंगद बिष्ट के मेडिकल सीट निकालने के बाद जब कहानी में आया मोड़
उतराखंड के पर्वतीय जिले रुद्रप्रयाग के रहने वाले एक युवक के कुछ कर गुजरने के दृढ़संकल्प ने उसे दुनिया के नक्शे में स्थापित कर दिया. अपनी मेहनत और लगन से उसने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उत्तराखंड का नाम रोशन किया वह फ्लाईवेट कैटेगरी में वर्ल्ड चैंपियन...
चंबा चौहरा टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड, Chamba Choraha, Tehri Garhwal, Uttarakhand.
टिहरी के दिल कहे जाने वाले चंबा चौराहे का नजारा है पर आज आपको भीड़ भाड़ नजर नही आ रही है जबकि इस चौराहे पर बहुत ज्यादा ट्रैफिक होता है ।
पहाड़ों में पिंगली लाल ककड़ियाँ खाने का भी एक अपना आनंद है मित्रों।
पहाड़ों में पिंगली लाल ककड़ियाँ खाने का भी एक अपना आनंद है मित्रों।
2 नाली बंजर भूमि में सेब की खेती बम्पर पैदावार की, विनोद ढौंडियाल सोबरा गांव निवासी राठ ब्लॉक थलीसैंण पट्टी चोपड़ाको, पौड़ी गढ़वाल।
पौड़ी गढ़वाल, राठ ब्लॉक थलीसैंण पट्टी चोपड़ाकोट के सोबरा गांव निवासी विनोद ढौंडियाल जी ने 2 नाली बंजर भूमि में सेब की खेती की जिसके शानदार परिणाम आपके सामने हैं।
शानदार ग्राम पंचायत सुतोल जो की चमोली में है ये दृश्य अपने आप में मनमोहक है।
शानदार ग्राम पंचायत सुतोल जो की चमोली में है ये दृश्य अपने आप में मनमोहक है देवदार एवम बांज के वृक्षों के मध्य सीढ़ीनुमा खेत हैं।
खुर्पाताल गाँव उत्तराखंड | Khurpatal Village Uttarakhand.
खुर्पाताल का आजकल शानदार दृश्य है चारो तरफ हरियाली है खुशनुमा मौसम का आगाज है देवदार, बांज, उतिस,के जड़ों से निकलता हुई अमृत धारा के जल स्रोत आप समय निकालकर इस और आएं जरूर विशेष ध्यान दे पॉलिथीन एवम गंदगी बिल्कुल नही करनी है।
केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग से घोड़े-खच्चरों की आवाजाही भी शुरू हो चुकी है।
आज केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग से घोड़े-खच्चरों की आवाजाही भी शुरू हो चुकी है। घोड़े-खच्चरों के माध्यम से राशन एवं अन्य जरूरी सामग्री धाम में पहुंचाई गयी। विगत 31 जुलाई को अतिवृष्टि से पैदल मार्ग जगह जगह क्षतिग्रस्त हो गया था। मा० मुख्यमंत्री श्री...