उत्तराखंड की बहुत पुरानी झील है शायद उत्तराखंड की पहली झील होगी जो इतनी बड़ी रही होगी (अब तो पहली झील टिहरी बांध वाली बन गई है जो इससे ज्यादा बड़ी और गहरी हैऔर मेरे पड़ोस में ही है) यह नैनीताल वाली झील अब दूसरे...
Gwad Village near Khirsu, Pauri Garhwal
Gwad Village near Khirsu, Pauri Garhwal
ग्राम बंगाली, पंचायत चौरा विकासखंड थैलिसैण जनपद पौड़ी गढ़वाल में झँगोरा, मंडुआ एवं धान की फसल
ग्राम बंगाली, पंचायत चौरा विकासखंड थैलिसैण जनपद पौड़ी गढ़वाल में झँगोरा, मंडुआ एवं धान की फसल
पलायन की मार झेलता ये घर। पहाड़ो में ऐसे सेंकड़ों मकानों की जजर्र हालत बन गई है ।
पलायन की मार झेलता ये घर। पहाड़ो में ऐसे सेंकड़ों मकानों की जजर्र हालत बन गई है ।
गढ़वाल के पारंपरिक व्यंजनों के लिए “बूढ़ दादी” होटल हरिद्वार रोड शास्त्री नगर उत्तराखंड।
अगर कभी घर से दूर देहरादून शहर में पहाड़ के पारंपरिक व्यंजनों को खाने का मन हो तो आइए, रिस्पना पुल से 1 किलोमीटर आगे हरिद्वार रोड शास्त्री नगर के सामने एक छोटी सी दुकान “बूढ़ दादी” पर जहाँ, पौड़ी गढ़वाल निवासी डोभाल दम्पति द्वारा...
“नया नौ दिन पुराना सौ दिन” उत्तराखंड के ये मकान आज भी समय की मार से बचे हुए है।
“नया नौ दिन पुराना सौ दिन” पुराने समय में यह महल से कम नही होते थे यह मकान कितनी लकड़ी लगी है देवदार की आज भी इस लकड़ी की कीमत लाखों में है।
बड़ेथ गांव, थलीसैंण ब्लॉक पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड
बड़ेथ गांव, थलीसैंण ब्लॉक पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड
उत्तराखण्ड पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली शशि बनी नमकवाली आंटी जी ने पहाड़ी पिसे नमक को बनाया देश-विदेश में बड़ा ब्रांड।
पहाड़ का स्वादिष्ट मसालेदार नमक पहुंच रहा है देश विदेशों तक जहां एक ओर राज्य में बेरोज़गारी चरम पर है और पर्वतीय क्षेत्रों के युवा बड़े बड़े महानगरों की ओर रुख कर रहे हैं वहीं राज्य के कुछ मेहनतकश वाशिंदों ने यह बात भी साबित...
उत्तराखंड रुद्रप्रयाग के अंगद बिष्ट ने MMA (मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स)में चीन में रविवार को हुए फ्लाईवेट कैटेगरी फिलीपींस के जॉन अल्मांजा को हराया।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले अंगद बिष्ट ने एक बार फिर अपने अदम्य साहस और कठोर परिश्रम से देश का नाम रोशन कर दिया है। अंगद ने चीन में आयोजित विश्व की सबसे खतरनाक फाइट MMA (मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स)...
पहाड़ को आज भी ऐसे ही लोग जिंदा कर सकते हैं जो अपने बंजर पड़े खेतों को आबाद कर स्वरोजगार पैदा कर रहे हैं।
पहाड़ को आज भी ऐसे ही लोग जिंदा कर सकते हैं जो अपने बंजर पड़े खेतों को आबाद कर स्वरोजगार पैदा कर रहे हैं। मटकुण्ड गांव,बीरोंखाल पौड़ी गढ़वाल की श्रीमती धनी कांति चंद और उनके पति विजय पाल चंद ऐसे ही मेहनतकश पहाड़ी बागवान हैं...