कफल्ड टिहरी गढ़वाल जिले का सबसे बड़ा गांव है, जो उत्तराखण्ड राज्य में स्थित है। यह गांव अपनी प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। भूगोल: कफल्ड गांव टिहरी गढ़वाल जिले के घनसाली ब्लॉक में स्थित है, जो समुद्र तल से...
उत्तराखंड में गावों में शादी ब्याह में अभी भी गांव के लोग मिल जुल कर काम करते है।
उत्तराखंड में गावों में शादी ब्याह में अभी भी गांव के लोग मिल जुल कर काम करते है। गांव में जाकर शादी समारोह के ऐसे मौकों को कभी ना छोड़े और जमीन पर बैठकर रसोइया की बनाई दाल भात खाकर परम आनंद लें।
पंचाचूली में इस घर ने मन मोह लिया इस खूबसूरत पहाड़ी घर के सामने का दृश्य कुछ ऐसा था कि..
पंचाचूली में इस घर ने मन मोह लिया इस खूबसूरत पहाड़ी घर के सामने का दृश्य कुछ ऐसा था कि जैसे प्रकृति ने अपनी पूरी शांति और सौंदर्य को यहां बिखेर दिया हो। दूर हिमालय त्रिशूल एवं मृगथुनी की हिमधवल चोटियां बर्फ की सफेद चादर...
पड़ागली भिलंगना ब्लॉक टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड। Padagali Bhilangana Block Tehri Garhwal Uttarakhand.
पड़ागली भिलंगना ब्लॉक टिहरी।। जहाँ सीधे-सादे लोगो का है डेरा.. खुशहाली से भरा वो गाँव है मेरा “ ” खींच लाता है गांव में बड़े बूढ़ों का आशीर्वाद.. बेडु, काफल के साथ कोदे की रोटी का स्वाद “
पहले पेड़ बचाने के लिए जवानी खपाई, अब बीज बचाने के लिए खुद को समर्पित कर दिया। टिहरी गढ़वाल के विजय जड़धारी।
पहले पेड़ बचाने के लिए जवानी खपाई, अब बीज बचाने के लिए खुद को समर्पित कर दिया। टिहरी गढ़वाल के विजय जड़धारी एक चलते फिरते संस्थान हैं। पारंपरिक फसलों को लेकर उनका ज्ञान, बीजों के संरक्षण को लेकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण रोचक है। लेकिन दुर्भाग्य है...
जब फ़िल्म पायर (Pyre) को एक ऐसी हीरोइन मिलीं जिन्हें वैनिटी वैन की नहीं बल्कि भैंस के चारे की चिंता थी।
पैंसठ पार की हीरा देवी विनोद कापड़ी की नई फिल्म ‘पायर’ की हीरोइन हैं. उत्तराखण्ड के सुदूर कस्बे बेरीनाग से कोई दस किलोमीटर दूर एक छोटे से गाँव गढ़तिर की रहने वाली हीरा देवी ने फिल्म के लिए चुने जाने से पहले अपना ज़्यादातर जीवन...
मुखवा गाँव उत्तरकाशी उत्तराखंड। Mukhva Village Uttarkashi Uttarakhand.
मुखवा गाँव उत्तरकाशी उत्तराखंड। Mukhva Village Uttarkashi Uttarakhand.
जंजैहली घाटी हिमाचल प्रदेश जहां हरी-भरी वादियाँ, प्रकृति की खूबसूरती मिलती है जो मंडी से करीब 70 किलोमीटर दूर है।
दुनिया में ऐसी कई जगहें हैं, जहाँ आप प्रकृति की खूबसूरती का लुत्फ़ उठा सकते हैं और प्रकृति के चमत्कारों के सामने पूरी तरह से समर्पित हो सकते हैं। जंजैहली घाटी ऐसी ही एक जगह है। अगर आप पहले भी यहाँ आ चुके हैं, तो...
पूरी बाखली पलायन कर गयी जहां कभी खुशियाँ बसती थी। The entire Bakhli has fled where happiness used to live.
पूरी बाखली पलायन कर गयी जहां कभी खुशियाँ बसती थी।
बागेश्वर जिले के बिजोरिया ग्राम निवासी श्री इन्द्र सिंह धामी ने बनाया चीड़ के छाल का गागर (गगेरी) व हुड़का।
उत्तराखंड बागेश्वर जिले के बिजोरिया ग्राम निवासी श्री इन्द्र सिंह धामी जी द्वारा बनाया गया चीड़ के छाल का गागर (गगेरी) व हुड़का क्या मस्त कलाकारी है। वाकई में उत्तराखंड के लोगों मे प्रतिभाओं की कोई कमी नही है। आप भी देखिये उनके द्वारा चीड़...