फिर आ गया अशोज! जिसका हर पहाड़ी को इंतजार रहता ! जी हां हर पहाड़ी को ! जहां पहाड़ में रहने वाले की सारी दिनचर्या बदल जाती है और वो कमरकस के तैयार हो जाता है इस काम के महायुद्ध में दो दो हाथ करने...
फिर आ गया अशोज का महिना! जिसका हर पहाड़ी को इंतजार रहता !















