“नया नौ दिन पुराना सौ दिन” पुराने समय में यह महल से कम नही होते थे यह मकान कितनी लकड़ी लगी है देवदार की आज भी इस लकड़ी की कीमत लाखों में है।
“नया नौ दिन पुराना सौ दिन” उत्तराखंड के ये मकान आज भी समय की मार से बचे हुए है।

“नया नौ दिन पुराना सौ दिन” पुराने समय में यह महल से कम नही होते थे यह मकान कितनी लकड़ी लगी है देवदार की आज भी इस लकड़ी की कीमत लाखों में है।
बड़ेथ गांव, थलीसैंण ब्लॉक पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड
पहाड़ का स्वादिष्ट मसालेदार नमक पहुंच रहा है देश विदेशों तक जहां एक ओर राज्य में बेरोज़गारी चरम पर है और पर्वतीय क्षेत्रों के युवा बड़े बड़े महानगरों की ओर रुख कर रहे हैं वहीं राज्य के कुछ मेहनतकश वाशिंदों ने यह बात भी साबित...
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले अंगद बिष्ट ने एक बार फिर अपने अदम्य साहस और कठोर परिश्रम से देश का नाम रोशन कर दिया है। अंगद ने चीन में आयोजित विश्व की सबसे खतरनाक फाइट MMA (मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स)...
पहाड़ को आज भी ऐसे ही लोग जिंदा कर सकते हैं जो अपने बंजर पड़े खेतों को आबाद कर स्वरोजगार पैदा कर रहे हैं। मटकुण्ड गांव,बीरोंखाल पौड़ी गढ़वाल की श्रीमती धनी कांति चंद और उनके पति विजय पाल चंद ऐसे ही मेहनतकश पहाड़ी बागवान हैं...
1987 में बनी गढ़वाली सूपर हिट फ़िल्म बेटी ब्वारि कि पुरानी यादें भाई बलदेव राणा जी के साथ।