दो दिन के लिए बहू बारात में शामिल होने गॉंव आयी और सास ससुर का प्यार देखिए सारे संतरे सारे दाल सारे आलु और जितनी दाल घर में तीन महीनों से सम्भाली थी सब कट्टो में भर दी और पड़ोस पेंछा (उधार ) घी लेकर...
काश कि इन गाड़ियों की छतों में हल्द्वानी से सेब और आम की पेटियां भी इसी तरह वापस आती तो कितना अच्छा होता










