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उत्तराखंड में गावों में शादी ब्याह में अभी भी गांव के लोग मिल जुल कर काम करते है।

उत्तराखंड में गावों में शादी ब्याह में अभी भी गांव के लोग मिल जुल कर काम करते है। गांव में जाकर शादी समारोह के ऐसे मौकों को कभी ना छोड़े और जमीन पर बैठकर रसोइया की बनाई दाल भात खाकर परम आनंद लें। 

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पहले गांव के लोग गरीब थे तब तांबा पीतल के बर्तन में खाना बनाते थे।

पहले गांव के लोग गरीब थे तब तांबा पीतल के बर्तन में खाना बनाते थे। अब लोग अमीर हैं साहब स्टील अल्युमिनियम में खाना बनता है जय देव भूमि उत्तराखंड। 

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उत्तराखण्ड राज्य की बेहतरी के लिए योगदान दें 🙏, केवल उत्सव-प्रदर्शन तक सीमित ना रहें।

एक ऐसा वक्त जब उत्तराखण्ड राज्य और वहाँ बसे लोग गहरी निराशा से जूझ रहे हैं, समस्याओं का अंत दिखता नहीं लेकिन मैं फिर भी कहूंगा सपने-उम्मीदें बरकरार हैं। एक बार फिर हिमालय के पुत्र-पुत्रियों को कहूंगा कि अपने राज्य, ज़मीन, प्राकृतिक संम्पति के ब्रांड...

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दिल्ली में 11 लाख के पैकेज को छोड़ डा. सबिता पौड़ी गढ़वाल आकर बनी प्रगतिशील बागवान।

सबिता पहाड़ को मानती है, खजाना जितना मेहनत करो उतना कमाओ।   जहां पहाड़ के युवा दस – बीस हजार की नौकरी के लिए अपने घर व खेतों को बंजर छोड़कर शहरों में 8 से 12 घंटे तक कमर तोड़ मेहनत को मजबूर होते हैं।...

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उत्तराखंड के पहाड़ बहुत सुंदर हुए इसीलिए नजर लग गई।

वैसे तो ये हरे भरे शान्त दिखेंगे पर ध्यान से देखोगे तो इनके चीखने चिल्लाने की आवाज सुनाई देगी। कुछ मत करो बस अच्छे स्कूल,अस्पताल डॉक्टर के साथ,रोड और रोजगार की व्यवस्था कर दो। 

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नई टिहरी में पय्यां (पदम) के फूलों की बहार। Bloom of Payyan (Padma) flowers in New Tehri.

नई टिहरी में हर वर्ष की भांति इस बार भी शरद – शिशिर में पय्यां (पदम) के फूलों के बाहर छा गई है। कुछ सालों से ये हफ्ते से दो हफ्ते पहले खिलने लगे हैं। दूसरी यह बात भी नोटिस की गई है कि पेड़...

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कुमाऊँ में दीपावली पर ऐपण डालने की परम्परा। Tradition of applying Aipan on Diwali in Kumaon.

उत्तराखण्ड के कुमाऊँ अंचल में दीपावली के अवसर पर घरों में ऐपण डालने की लोक परम्परा है . ऐपण के लिए सबसे पहले चावलों को आवश्यकतानुसार भिगाया जाता है . उसके बाद उन्हें सिलबट्टे पर बारीक पीस लिया जाता है . पीसने के बाद उसका...

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पौडी गढ़वाल रिखणीखाल रथुवाढाबा – तिलक बहादुर चाय ”चाहा” वाले।

पहाड़ियों की पहली पसन्द है चाय और हर जगह की कोई न कोई चीज जरूर फेमस होती है। ऐसे ही रथुवाढाब में तिलक बहादुर की चाय ,,चाहा,, बहुत फेमस है। ये बहुत पुरानी दुकान है, कोटद्वार से जो भी बस जीप इस मोटर मार्ग से...

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यह है पहाड़ का स्विमिंग पूल हमारे यहां इसे डिग्गी बोलते हैं। This is the mountain swimming pool, we call it diggi here.

यह डिग्गी इसलिए बनाया जाता है जो पानी इसमें इकट्ठा होता है दो-तीन दिन में उसे खेतों की सिंचाई की जाती है और बच्चों के नहाने के लिए स्विमिंग पूल भी बन जाता है आप नहाए कभी ऐसे डिग्गी में बल

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