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पहाड़ी शैली में बने “पठाल” की छत वाले घर उत्तराखण्ड की समृद्ध वास्तुकला के प्रतीक हैं। 

pathal uttarakhand

पठाल उत्तराखंड के पारंपरिक घरों की छतों मे इस्तेमाल होने वाला विशेष प्रकार का पत्थर होता है। जिसे पहाड़ों से ही निकाल जाता है। पहाड़ी शैली मे बने पठाल वाले घर मजबूत और पर्यावरण के अनुकूक होते है। सर्दियों मे गर्म और गर्मियों मे घर...

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चन्द्रबदनी आने वाले श्रद्धालु नजदीकी तीर्थस्थलों के दर्शन भी कर सकते हैं।

Chandrabadni mandir chandrakoot parvat tehri garhwal uttarakhand

1.चन्द्रबदनी 2. नाग मंदिर 3. लक्ष्मी नारायण मंदिर 4. बागेश्वर महादेव चन्द्रबदनी मंदिर, चंद्रकूट पर्वत, टिहरी गढ़वाल.   शिव मंदिर, नाग गाँव, जामणीखाल, टिहरी गढ़वाल.   लक्ष्मी नारायण मंदिर, गौमुख, पौड़ी खाल, टिहरी गढ़वाल   बागेश्वर महादेव, नौसा बागी, टिहरी गढ़वाल

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ये हैं पौड़ी गढ़वाल के चौंदकोट क्वीई गाँव की नूतन पंत पहाड़ों में मशरुम उत्पादन, सब्जी उत्पादन, आदि कर लाखों रुपए कमा रही हैं।

ये हैं पौड़ी गढ़वाल के चौंदकोट क्वीई गाँव की नूतन तन्नू पंत। नूतन पंत सरकारी नौकरी छोड़ अपने पहाड़ों में मशरुम उत्पादन, खेती बाड़ी,पशुपालन, सब्जी उत्पादन, बागवानी आदि कर लाखों रुपए कमा रही हैं जो और लोगों के लिए एक उदाहरण है।

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उत्तराखंड की सबसे पुरानी और सबसे पहली झील। The oldest and the first lake of Uttarakhand.

उत्तराखंड की बहुत पुरानी झील है शायद उत्तराखंड की पहली झील होगी जो इतनी बड़ी रही होगी (अब तो पहली झील टिहरी बांध वाली बन गई है जो इससे ज्यादा बड़ी और गहरी हैऔर मेरे पड़ोस में ही है) यह नैनीताल वाली झील अब दूसरे...

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गढ़वाल के पारंपरिक व्यंजनों के लिए “बूढ़ दादी” होटल हरिद्वार रोड शास्त्री नगर उत्तराखंड।

Budh Dadi Restaruant Haridwar uttarakhand

अगर कभी घर से दूर देहरादून शहर में पहाड़ के पारंपरिक व्यंजनों को खाने का मन हो तो आइए, रिस्पना पुल से 1 किलोमीटर आगे हरिद्वार रोड शास्त्री नगर के सामने एक छोटी सी दुकान “बूढ़ दादी” पर जहाँ, पौड़ी गढ़वाल निवासी डोभाल दम्पति द्वारा...

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“नया नौ दिन पुराना सौ दिन” उत्तराखंड के ये मकान आज भी समय की मार से बचे हुए है।

“नया नौ दिन पुराना सौ दिन” पुराने समय में यह महल से कम नही होते थे यह मकान कितनी लकड़ी लगी है देवदार की आज भी इस लकड़ी की कीमत लाखों में है। 

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