चाहे ठंड हो या गरम, पहाड़ में चाय पीने में न कर शर्म , यहां पल में मौसम बदल जायेगा, तब तू बड़ा पछतायेगा।
Related posts:
कुमाऊँ में दीपावली पर ऐपण डालने की परम्परा। Tradition of applying Aipan on Diwali in Kumaon.
Kumaon
बारिश का मौसम हो और साथ में भट्ट भून के खाने का स्वाद ही कुछ और है।
Culture
खाती गाँव - पिंडारी ग्लेशियर ट्रेक का प्रवेश द्वार। Khati Village - Gateway to the Pindari Glacier T...
Uttarakhand Tourism
कैसे पड़ा सतपुली (नयार घाटी) का नाम, क्या है सतपुली का इतिहास ?
Culture
उत्तराखंड के बागेश्वर के मल्ली व तल्ली खरे के बीस गाँवों में परम्परागत तांबे के बर्तन बनाते हैं।
Culture
उत्तराखंड की 6 पारंपरिक पहाड़ी मिट्टी/धातु कला : एक सांस्कृतिक धरोहर। 6 Traditional Hill Clay/Metal ...
Culture
हार जीत तो खेल में लगी रहती है, अंगद ने जिस तरह से लडाई लड़ी हमे उन पर गर्व है।
Khel-Khiladi
दरमानी लाल 65 वर्षीय चमोली की बंड पट्टी के किरूली गांव से है जो रिंगाल के रेशों से उत्पाद बनाते हैं।
Uttarakhand Latest
मदकोट और प्रकृति का खूबसूरत नजारा। Beautiful view of Madkot Uttarakhand and nature.
Uttarakhand Tourism