Home » Uttarakhand Latest » खाती गाँव – पिंडारी ग्लेशियर ट्रेक का प्रवेश द्वार। Khati Village – Gateway to the Pindari Glacier Trek of Uttarakhand.

खाती गाँव – पिंडारी ग्लेशियर ट्रेक का प्रवेश द्वार। Khati Village – Gateway to the Pindari Glacier Trek of Uttarakhand.

उत्तराखंड के कुमाऊँ हिमालय में बसे खाती गाँव तक अब सड़क बन चुकी है, जिससे यात्री अब गाड़ी से सीधे यहाँ पहुँच सकते हैं। यह गाँव पिंडारी ग्लेशियर और सुंदरढुंगा ट्रेक का आखिरी मोटर मार्ग वाला पड़ाव है, यहीं से पैदल यात्रा शुरू होती है। समुद्रतल से करीब 7,350 फीट की ऊँचाई पर स्थित यह गाँव चारों ओर से हरे-भरे पहाड़ों और सीढ़ीनुमा खेतों से घिरा है। गाँव के नीचे बहती है नीले रंग की पिंडर नदी, जो इसकी सुंदरता को और बढ़ा देती है। गाँव में पत्थर के बने पारंपरिक घर, स्लेट की छतें, एक स्कूल, पोस्ट ऑफिस, दुकानें और एक मंदिर भी है। खाती में ठहरने के लिए प्राइवेट लॉज और कुमाऊँ मंडल विकास निगम का ट्रेकर्स हट उपलब्ध है। पहले यहाँ तक पहुँचने के लिए बागेश्वर होते हुए सं गाँव से पैदल यात्रा करनी होती थी, लेकिन अब रास्ता सुगम हो गया है। यह गाँव ट्रेकर्स और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक शांत और सुंदर पड़ाव है।

यह भी पढ़िये :-  टंगरोली गांव कल्जीखाल पौड़ी गढ़वाल का खूबसूरत दृश्य। Tangroli Village Kaljikhal Pauri Garhwal Uttarkhand.

काठगोदाम से बागेश्वर तक
दूरी: लगभग 154–158 किमी
मार्ग: काठगोदाम → भुवाली → अल्मोड़ा → कौसानी → बागेश्वर
उसके बाद बागेश्वर से खाती गाँव तक
दूरी: लगभग 75 किमी
मार्ग: बागेश्वर → कपकोट → खर्किया → खाती

🏔️ खाती गाँव से पिंडारी ग्लेशियर ट्रेक
खाती गाँव से पिंडारी ग्लेशियर तक की ट्रेकिंग यात्रा लगभग 5 दिनों की होती है, जिसमें आप हिमालय की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।

 

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*