Home » Culture » बंद पड़े ताले 🔐 , आँगन में उगती घास 🍀, वीरान होते पहाड़।

बंद पड़े ताले 🔐 , आँगन में उगती घास 🍀, वीरान होते पहाड़।

बंद पड़े ताले 🔐 , आँगन में उगती घास 🍀, वीरान होते पहाड़
पता नहीं पहाड़ो की वो रौंनक कहां खो सी गई ।।🥺🥺

Related posts:

अपना पहाड़ी कल्चर और रीती रिवाज दगड़ियों किस-किस को पसंद आता है

Culture

Singori Mithai - सिंगोरी मिठाई। देखते ही याद आया पुराना टिहरी। 

Uttarakhand Latest

कुमाऊँ में दीपावली पर ऐपण डालने की परम्परा। Tradition of applying Aipan on Diwali in Kumaon.

Kumaon

शशि बहुगुणा रतूड़ी ने पारंपरिक पिस्सू लून नमक को लोगों तक पहुंचाने का मकसद से 2018 में नमकवाली ब्रैं...

Culture

विलुप्त होती घर के छत लगाने की प्राचीन और भरोसेमंद विधि स्लेट।

Our Village

मैं केदार!अब क्या तो कहूं, कहां तो जाऊं ?

Culture

उत्तराखंड में गावों में शादी ब्याह में अभी भी गांव के लोग मिल जुल कर काम करते है।

Culture

ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल मार्ग पर लोकल निवासी से अनुरोध हैं की वहां की जमीन किसी को ना बेचे।

Culture

छोड़ आया हूँ मैं गांव की 1000 गज में बनी हवेली, शहर में 100 गज के मकान को अपनी तरक्की बताता हूँ, तिबा...

Uttarakhand Latest
यह भी पढ़िये :-  शहरों में पूरा जीवन इसलिए भटकते रहे की एक दिन बहुत सारा पैसा कमा के फिर सुकून से रहूंगा

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*