कहानी उत्तराखंड के ऐसे लड़के की जो कभी नरेंद्र मोदी जी का सुरक्षा अधिकारी रहा, जिसे RAW ने हिटमैन नाम दिया और साल 2009 में सर्वश्रेष्ठ एनएसजी कमांडो चुना गया !
नाम है, लकी बिष्ट… जिसका जीवन किसी रोमांचक फ़िल्म से कम नहीं है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट से निकलकर, इन्होंने महज़ 16 साल की उम्र में Special Forces को जॉइन किया। इसके बाद, उन्होंने इज़राइल में ढाई साल की कठिन जासूसी और कमांडो ट्रेनिंग ली, जिसने उन्हें दुनिया के शीर्ष स्नाइपर्स में से एक बना दिया।

राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) में अपनी सेवा के दौरान, उन्हें 2009 में भारत के सर्वश्रेष्ठ एनएसजी कमांडो के पुरस्कार से नवाजा गया। उनकी असाधारण क्षमता का प्रमाण यह है कि उन्होंने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री (और वर्तमान प्रधानमंत्री) श्री नरेंद्र मोदी जी सहित कई अति-महत्वपूर्ण (VIP) व्यक्तियों के निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) के रूप में कार्य किया। उनकी ज़िम्मेदारी केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं थी; उन्होंने खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ (RAW) के लिए भी काम किया, जहाँ उन्होंने विदेशों में कई गुप्त और खतरनाक मिशनों को अंजाम दिया।
लकी बिष्ट जी ने असम राइफल्स और भारतीय सेना के साथ काम करते हुए, नॉर्थ ईस्ट के अशांत क्षेत्रों और नियंत्रण रेखा (LOC) पार के अभियानों में भी अपनी जांबाजी दिखाई।
हालांकि, उनके जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए। एक मिशन से जुड़े विवाद में उन्हें जेल भी जाना पड़ा, लेकिन अंततः सबूतों के अभाव में कोर्ट ने उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया।
5 सितंबर 2011 को उत्तराखंड पुलिस ने लकी पर उसके साथी उत्तराखंड के सबसे बड़े गैंगस्टर के दोहरे हत्याकांड का आरोप लगाया। उन्हें तीन साल से अधिक समय तक जेल में रखा गया और 11 जेलों में ले जाया गया, और 11 मार्च 2015 को रिहा कर दिया गया। सबूतों की कमी के कारण 6 मार्च 2018 को नैनीताल जिला अदालत ने उन्हें क्लीन चिट दे दी। लकी 2018 में फिर से विशेष बलों में शामिल हो गए और 2019 में सेवानिवृत्त हो गए।
इस मुश्किल दौर से निकलकर, उन्होंने अपनी अविश्वसनीय कहानी को लेखक एस. हुसैन जैदी द्वारा लिखित किताब “R.A.W. Hitman: The Real Story of Agent Lima” के माध्यम से दुनिया के सामने रखा।
लकी बिष्ट जी की कहानी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है जो यह बताती है कि एक सच्चा देशभक्त हर चुनौती का सामना करता है, चाहे वह सीमा पर हो या जीवन के किसी अन्य मोर्चे पर। राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण, उनका बेमिसाल साहस और उनका त्याग हम सभी के लिए गर्व का विषय है।
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