Home » Culture » उत्तराखंड के शहीद पत्रकार और कवि उमेश डोभाल। Martyr journalist and poet Umesh Dobhal of Uttarakhand.

उत्तराखंड के शहीद पत्रकार और कवि उमेश डोभाल। Martyr journalist and poet Umesh Dobhal of Uttarakhand.

मैं धड़कता हूं, लोगों के दिलों में …………………

पहाड़ के शहीद पत्रकार और कवि उमेश डोभाल की शहादत को आज 37 साल पूरे हुए
जन्म -1952 पौड़ी गढ़वाल। शहादत (हत्या) – 25 मार्च 1988, शराब माफिया द्वारा पौड़ी गढ़वाल में। आइए, अवतार सिंह पाश की एक कविता के साथ उन्हें याद करते हैं –

जीने का एक और भी सालीका होता है
मौत के चेहरे से उठा देना नका़ब
और जिंदगी की चारसौबीसी को
सरे आम बेपर्दा कर देना…….।

वरियाम संधू की यह कविता भी उनकी शहादत पर सटीक बैठती है –

मैं जब भी कत्ल हुआ हूं
मेरा कद और बढ़ा है
यह जो रक्त पिघला है
महज बर्फ पिघली है समय की
कि छाती पर हाथ रखकर
मेरे मरने का करते हो विश्वास
लेकिन मैं धड़कता हूं
लोगों के दिलों में………।

Related posts:

कोदे की रोटी खाने का आनंद ही अलग है खासकर जब भूख लगी हो।

Culture

पहले गांव के लोग गरीब थे तब तांबा पीतल के बर्तन में खाना बनाते थे।

Culture

ये वीरान पड़े खुबसूरत घर इस बात के गवाह हैं कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी वाकई में पहाड़ों के ब...

Culture

उत्तराखंड में गावों में शादी ब्याह में अभी भी गांव के लोग मिल जुल कर काम करते है।

Culture

मिलिए, युवा व्यवसायी योगेश बधानी और ऋचा डोभाल से, जिन्होंने घर की रसोई से शुरू किया काम।

Uttarakhand Latest

हमारे बुजर्गो ने ऐसे घर मे अपना जीवन यापन किया है।

Culture

धनोल्टी उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित एक खूबसूरत हिल स्टेशन जहां प्राकृतिक की सुंदरता और ...

Uttarakhand Tourism

आज MeruMuluk.com की टीम ने गढ़ समाज के जानेमाने विशेष व्यक्तियों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए उन्हे...

Uttarakhand Latest

देसी शराब के एक ब्रांड का नाम काफल और माल्टा पर रखे जाने पर उत्तराखंड में कुछ लोगों की भावनाएं को ठे...

Culture
यह भी पढ़िये :-  तीन मंजिला मकानों की कतारों को कुमाऊं में बाखली कहा जाता है। Rows of three-storey houses are called Bakhli in Kumaon.

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*