Home » Uttarakhand Tourism » 1932 में बद्रीनाथ के पास हनुमान चट्टी पर तीर्थयात्री। Pilgrims at Hanuman Chatti near Badrinath in 1932.

1932 में बद्रीनाथ के पास हनुमान चट्टी पर तीर्थयात्री। Pilgrims at Hanuman Chatti near Badrinath in 1932.

1932 में बद्रीनाथ के पास हनुमान चट्टी पर तीर्थयात्री। भक्त हरिद्वार से अपनी पदयात्रा शुरू करते थे और 71 स्थानों से गुजरते हुए अंततः बद्रीनाथ पहुँचते थे। बद्रीनाथ पहुँचने से पहले हनुमान चट्टी अंतिम पड़ाव था। फोटो में दिखाए गए ज़्यादातर तीर्थयात्री बुज़ुर्ग हैं और उन्होंने भारी ऊनी कपड़े भी नहीं पहने हैं। महिलाएँ नंगे पैर चल रही हैं। चट्टी में रहने की बहुत ही बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध थीं।

Related posts:

दिनदयाली होम स्टे देहरादून (उत्तराखंड)। Dindayali Home Stay Dehradun (Uttarakhand).

Uttarakhand Tourism

गढ़वाल के पारंपरिक व्यंजनों के लिए "बूढ़ दादी" होटल हरिद्वार रोड शास्त्री नगर उत्तराखंड।

Culture

हर्षिल वैली उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री के रास्ते में बसी एक शांत और सुंदर घाटी।

Uttarakhand Tourism

मोहान "जिम कॉर्बेट" में नदी के पास कैंपिंग और कॉटज दोनों का आनंद 7500/- रुपये में।

Uttarakhand Tourism

रुद्रप्रयाग के त्रियुगीनारायण गांव की प्रियंका योगी तिवारी उत्तराखंड के पहाड़ों की सबसे मशहूर ब्लॉगर

Uttarakhand Tourism

उत्तराखंड से दिखने वाली पहाड़ की यह चोटी नेपाल की पुमोरी चोटी है। This mountain peak visible from Ut...

Uttarakhand Tourism

नसर हिल स्टेशन, उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित एक खूबसूरत पर्वतीय स्थल है।

Uttarakhand Tourism

पिथौरागढ़ के धारचूला ब्लॉक में स्थित तेजम गांव के पास एक पुल पर दो विदेशी यात्री।

Uttarakhand Tourism

थामरी कुंड भारत के उत्तराखंड के मुनस्यारी क्षेत्र में स्थित एक उच्च ऊंचाई वाली झील है।

Uttarakhand Tourism
यह भी पढ़िये :-  ड्रास: भारत का सबसे ठंडा स्थान। Drass: The coldest place in India.

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*