Home » Dharmik » रावण का कैलाश पर्वत को उठाना, जीवन की बहुत बड़ी सीख है। 

रावण का कैलाश पर्वत को उठाना, जीवन की बहुत बड़ी सीख है। 

पुराणों स्मृतियों में हम पाते है, शिवजी ने सबको ज्ञान दिया है, सबको समझाया है लेकिन उन्होंने रावण को कभी नही समझाया।

किसी ने शंकरजी से पूछा – प्रभु आप सबको समझाते है, आप रावण को क्यों नही समझाते ?

शंकर जी ने कहा :-क्योंकि मैं रावण को समझता हूं, इसलिए उसे नही समझाता। जो लोग रावण को समझाते है, वह खुद नासमझ हैं।

शंकर जी ने कहा – यह रावण मुझसे जब भी मिलता है, मुझे कहता है, गुरुजी इधर देखिए आपके तो 5 सिर है, मेरे तो दस हैं।

अब जो खुद को गुरु से दुगना ऐसे ही समझे, उसे गुरु समझाए तो भी क्या समझाए ? ज्ञान तो श्रद्धावान को मिलता है, अहंकारियों को थोड़ी न ज्ञान प्राप्त हो सकता है ।

यह भी पढ़िये :-  चण्डीगढ़ की सबसे पुरानी रामलीला गढ़वाल रामलीला सैक्टर – 22 के कलाकारों ने शुरू की रामलीला की रिहर्सल।

एक किवदंती के अनुसार एक बार रावण कैलाश गया और उसने कैलाश पर्वत को ही सिर पर उठा लिया, कैलाश में हलचल मच गई।

पार्वती जी ने पूछा – हे देवाधिदेव यह क्या हो रहा है ?
शंकर जी ने कहा – शिष्य आया है …
पार्वती ने पूछा – तो इतनी हलचल क्यो है ?
शंकर जी कहा – रावण जैसे शिष्य आएंगे, तो हलचल ही मचेगी ।
किसी ने रावण को पूछा – यह क्या कर रहे हो ?
रावण ने कहा – गुरुजी को शिरोधार्य कर रहे है …
भला यह कैसा शिरोधार्य ?

शिष्य को तो गुरु के चरणों मे लिपट जाना चाइये, और गुरु उसे अपने हाथों से उठाएं। 
गिरना शिष्य का काम है, और गिरे हुए को उठाना गुरु का काम है और रावण जैसे शिष्य सोचते है, की हम गुरु को ऊपर उठा रहे हैं ।

यह भी पढ़िये :-  बीते एक पखवाडे से चल रही मां नंदा की वार्षिक लोकजात यात्रा का आज समापन हो गया।

जब भी हम खुद को गुरु से श्रेष्ठ समझने लग जाए, तो समझिए हमारा नाश सिर पर आ गया है । स्कूल के गुरु हो, या जीवन की शिक्षा देने वाले माता पिता, या हो सतगुरु, उनके तो चरणों मे ही लिपटा रहना चाहिए, कल्याण इसी में है ।।

Related posts:

समुद्र मंथन से प्राप्त चौदह रत्नों का रहस्य। The secret of the fourteen gems obtained from the Samud...

Dharmik

दुनिया को पृथ्वी के गोल होने का कन्फर्म ज्ञान आज से 500-600 साल पहले मिला, जबकि यह मूर्ति जगन्नाथ मं...

Dharmik

क्या है शिवजी के नाग, डमरु, त्रिशूल, त्रिपुंड धरण करने और नंदी की कथा?

Dharmik

रामायण के कुछ रोचक तथ्य। जो आपको याद रखने चाहिए।

Dharmik

बीते एक पखवाडे से चल रही मां नंदा की वार्षिक लोकजात यात्रा का आज समापन हो गया।

Dharmik

क्या जम्बूद्वीप का ही अर्थ सनातन साम्राज्य है? Does Jambudweep mean the Eternal Empire?

Dharmik

वराह अवतार (Varaha Avatar) हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु के दस अवतारों में से तृतीय अवता...

Dharmik

भ्यूंडार घाटी का नंदाष्टमी पर्व। फुलारी, ब्रहमकमल, दांकुडी और नंदा के जैकारों से जागृत हो उठता है मा...

Dharmik

मध्यमहेश्वर जहां भगवान शिव की नाभी की पूजा की जाती है।Madhyamaheshwar where the navel of Lord Shiva ...

Dharmik

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*