Home » Culture » उत्तराखण्ड पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली शशि बनी नमकवाली आंटी जी ने पहाड़ी पिसे नमक को बनाया देश-विदेश में बड़ा ब्रांड।

उत्तराखण्ड पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली शशि बनी नमकवाली आंटी जी ने पहाड़ी पिसे नमक को बनाया देश-विदेश में बड़ा ब्रांड।

पहाड़ का स्वादिष्ट मसालेदार नमक पहुंच रहा है देश विदेशों तक जहां एक ओर राज्य में बेरोज़गारी चरम पर है और पर्वतीय क्षेत्रों के युवा बड़े बड़े महानगरों की ओर रुख कर रहे हैं वहीं राज्य के कुछ मेहनतकश वाशिंदों ने यह बात भी साबित की है कि अपार प्राकृतिक संसाधनों के धनी राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसरों की कोई कमी नहीं है। बस जरूरत है कड़ी मेहनत और लगन की ।

Namak Wali Aunty Uttarakhand 4

 

Related posts:

कुछ दिन तो गुजारिये उत्तराखंड में। उत्तराखंड में पंचाचूली की यात्रा। Spend a few days in Uttarakhand...

Uttarakhand Latest

गांव में आजकल बैलों की कोई जरूरत नहीं है छोटे ट्रैक्टर टिलर से काम चल रहा है।

Uttarakhand Latest

टिप एन टॉप,जिसे आमतौर पर टिफ़िन टॉप के नाम से भी जाना जाता है,लैंसडाउन के से सिर्फ 1.5 किलोमीटर दूर ...

Uttarakhand Tourism

तांबे के ये कारीगर बागेश्वर तहसील के अन्तर्गत मल्ली व तल्ली खरे के बीस गाँवों में परम्परागत तांबे के...

Culture

मशहूर youtuber प्रियंका तिवारी अपनी कामयाबी के लिए अपने पति का बहुत बड़ा योगदान मानती हैं।

Uttarakhand Latest

उत्तराखंड के बागेश्वर के मल्ली व तल्ली खरे के बीस गाँवों में परम्परागत तांबे के बर्तन बनाते हैं।

Culture

Pauri town, Uttarakhand

Pauri

उत्तराखंड का पारम्परिक तीन मंजिला मकान। Traditional three storey house of Uttarakhand.

Uttarakhand Tourism

बेतालघाट का दूरस्थ गांव कोटाधरिया जो आज भी मोटर मार्ग से वंचित हैं।

Uttarakhand Latest
यह भी पढ़िये :-  "नया नौ दिन पुराना सौ दिन" उत्तराखंड के ये मकान आज भी समय की मार से बचे हुए है।

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*