रोहतांग दर्रा वर्तमान में पर्यटकों के लिए खुला है और 17 मई, 2025 से खुला है। यात्रा करने के लिए परमिट की आवश्यकता होती है, और प्रतिदिन 1,200 परमिट जारी किए जाते हैं, जिसमें पेट्रोल वाहनों के लिए 800 और डीजल वाहनों के लिए 400 की सीमा होती है। परमिट ऑनलाइन प्राप्त किए जा सकते हैं और इसकी कीमत 500 रुपये है, साथ ही भीड़भाड़ शुल्क के लिए 50 रुपये भी देने होंगे। रखरखाव के लिए दर्रा हर मंगलवार को बंद रहता है।
🌟 रोहतांग दर्रे की खासियतें (Specialties of Rohtang Pass):
❄️ 1. बर्फ के खेल (Snow Activities):
रोहतांग दर्रा गर्मियों में भी बर्फ से ढका रहता है। यहाँ आप स्कीइंग, स्नो स्कूटर राइड, ट्यूबिंग, स्लीज राइड जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स का आनंद ले सकते हैं।
🏞️ 2. मनमोहक नज़ारे:
यहाँ से आपको पीर पंजाल रेंज, ब्यास नदी का उद्गम, और दूर तक फैले ग्लेशियरों का भव्य दृश्य दिखता है।
🧗♂️ 3. एडवेंचर ट्रेकिंग और बाइक राइडिंग:
रोहतांग दर्रा बाइकर्स और ट्रेकर्स के लिए एक ड्रीम डेस्टिनेशन है। मनाली से रोहतांग तक की बाइक राइड रोमांच और चुनौती से भरपूर होती है। मनाली और सोलांग वैली में आपको होम स्टे और होटल आसानी से मिल जाएँगे अगर आपको चाहिए हो तो आप हमें ह्वाट्सऐप कर सकते है
🧘♂️ 4. फोटोग्राफी और मेडिटेशन के लिए परफेक्ट:
चारों ओर फैली हुई बर्फ, नीला आसमान, और शांत वातावरण इसे एक शानदार फोटोग्राफी और आत्मचिंतन की जगह बनाता है।
🧭 दिल्ली से रोहतांग दर्रा कैसे पहुँचें?
✈️ हवाई मार्ग से (By Air):
सबसे पहले दिल्ली से कुल्लू (भुंतर) एयरपोर्ट तक फ्लाइट लें (लगभग 1.5 घंटे)।
वहां से टैक्सी द्वारा मनाली (50 किमी) जाएं। फिर मनाली से रोहतांग दर्रा 50-55 किमी दूर है।
🚆 रेल मार्ग से (By Train):
दिल्ली से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जोगिंदर नगर है।
वहां से टैक्सी लेकर मनाली और फिर रोहतांग दर्रा।
🚗 सड़क मार्ग से (By Road):
दिल्ली से मनाली तक की दूरी लगभग 540 किलोमीटर है। आप कार, बाइक, बस या टैक्सी से जा सकते हैं।
मनाली से रोहतांग दर्रा तक की दूरी लगभग 51 किमी है।
मई से अक्टूबर के बीच सड़क खुली रहती है (बाकी समय बर्फ के कारण बंद रहती है)।
📌 नोट: रोहतांग पास जाने के लिए परमिट लेना जरूरी होता है। आप यह परमिट मनाली से ऑनलाइन या ऑफलाइन ले सकते हैं।
📅 घूमने का सही समय:
मई से अक्टूबर तक रोहतांग दर्रा खुला रहता है।
जून और जुलाई में यहाँ सबसे ज़्यादा भीड़ होती है।
अक्टूबर के बाद से बर्फबारी शुरू हो जाती है और दर्रा बंद कर दिया जाता है।
✨ एक अनुभव जो ज़िंदगी भर याद रहेगा:
“रोहतांग दर्रे की बर्फ में खेलना, उसकी ऊँचाई से घाटियों को निहारना और उस सन्नाटे में अपने आप से मिलना – ये अनुभव हर ट्रैवलर की बकेट लिस्ट में जरूर होना चाहिए