Home » Uttarakhand Latest » कुछ दिन तो गुजारिये उत्तराखंड में। उत्तराखंड में पंचाचूली की यात्रा। Spend a few days in Uttarakhand. Trip to Panchachuli in Uttarakhand.

कुछ दिन तो गुजारिये उत्तराखंड में। उत्तराखंड में पंचाचूली की यात्रा। Spend a few days in Uttarakhand. Trip to Panchachuli in Uttarakhand.

पंचाचूली की यात्रा के दौरान इस घर ने सचमुच मन मोह लिया। यह खूबसूरत पहाड़ी घर जैसे प्रकृति के समस्त सौंदर्य और शांति का प्रतीक हो। घर के सामने से दृश्य इतना अद्भुत था कि ऐसा लगता था जैसे हिमालय की त्रिशूल और मृगथुनी की बर्फ से ढकी चोटियां, अपनी सफेद चादर में लिपटी हुई, ठंडी हवाओं के साथ बर्फ के टुकड़े गिरा रही हों। इन चोटियों से आती ठंडी हवा में ताजगी और शांति का अहसास होता है। आसपास के हरे-भरे पहाड़ों पर चीड़, देवदार और बांज के ऊंचे-ऊंचे पेड़, घर को एक प्राकृतिक छांव प्रदान करते हैं, और पूरे वातावरण को गहराई और विविधता देते हैं।


यह घर पारंपरिक पहाड़ी शैली में बना है, जिसकी दीवारें मजबूत पत्थरों से बनी हैं और छत लकड़ी की ढलानदार है, ताकि सर्दियों में बर्फ आसानी से गिरकर हट जाए। घर के सामने एक बड़ा बरामदा है, जिसे स्थानीय भाषा में “चौक” कहा जाता है। इस चौक में बैठने के लिए बड़ी जगह है, जहां से दूर-दूर तक फैली घाटी का दृश्य देखा जा सकता है। आसपास रंग-बिरंगे पहाड़ी फूलों की क्यारियां महक रही हैं, जिनकी भीनी-भीनी खुशबू घर को एक प्राकृतिक ताजगी से भर देती है। इस माहौल में शांति और ताजगी का अनुभव होता है, जो किसी भी शहर की भीड़-भाड़ से कोसों दूर एक नई दुनिया का एहसास कराता है।
यह घर देखकर हर कोई यही कह उठता है, “काश मेरा भी इस जगह ऐसा घर होता।”

यह भी पढ़िये :-  छोड़ आया हूँ मैं गांव की 1000 गज में बनी हवेली, शहर में 100 गज के मकान को अपनी तरक्की बताता हूँ, तिबारी गांव की। 

कैसे पहुंचे:
इस स्थान तक पहुँचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित है। काठगोदाम से आप टैक्सी या बस के द्वारा लगभग 4-5 घंटे में इस घर तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा, यदि आप दिल्ली या अन्य प्रमुख शहरों से यात्रा करना चाहते हैं, तो यहां तक पहुंचने के लिए हवाई यात्रा भी एक विकल्प है। नजदीकी एयरपोर्ट पंतनगर (Pantnagar Airport) है, जो लगभग 120 किलोमीटर दूर है।

कब जाएं:
यह स्थल सालभर यात्रा के लिए उपयुक्त है, लेकिन गर्मी के मौसम में (मार्च से जून) यहां का मौसम बहुत सुहावना और शांति प्रदान करने वाला होता है। सर्दियों में (नवंबर से फरवरी) बर्फबारी का आनंद लिया जा सकता है, लेकिन इस समय यात्रा के लिए उचित तैयारी की आवश्यकता होती है।

यह भी पढ़िये :-  बागेश्वर जिले के बिजोरिया ग्राम निवासी श्री इन्द्र सिंह धामी ने बनाया चीड़ के छाल का गागर (गगेरी) व हुड़का।

Related posts:

स्वरोजगार की मिसाल दे रही हैं पौड़ी की बसंती नेगी। Swarojgaar Ki Misal de rahi hai Pauri ki Basanti ...

Culture

ना फिल्टर का शोर, ना ब्रांड का मोल। बस पहाड़ों का पानी प्रकृति की सबसे अनमोल देन।

Culture

देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे को लेकर खुशी की खबर है। There is good news regarding Dehradun-Delhi Expr...

Uttarakhand Tourism

चेतावनी यहाँ आपको प्यार और आदर्श का मिलावट करके खाना दिया जाता है-पंत होटल।

Uttarakhand Latest

मेरा देवलथल देश से निकलकर दुनिया का सबसे खूबसूरत गांव बनेगा।

Uttarakhand Latest

Uttarakhand me Chalta Firta Jungle - उत्तराखंड में चलता फिरता जंगल।

Culture

"पिरूल से टोकरियां" ईशा आर्या नैनीताल की ये बच्ची इंटर कालेज कक्षा नौ की छात्रा ने आकर्षक अंदाज में ...

Uttarakhand Latest

कोई इन कलाकारो को भी सोसल मिडिया मे फेमस कर दो ताकी इनका घर चल सके।

Uttarakhand Latest

प्रकृति का यह नजारा उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले का है जो कि अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है।

Uttarakhand Tourism

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.