पहाड़ी शैली में बने “पठाल” की छत वाले घर उत्तराखण्ड की समृद्ध वास्तुकला के प्रतीक हैं। 103 साल पुराना घर पाथर से बना हुआ समा लिती यहां दीमक नहीं लगाता है वो बात अलग हैं अब पलायन हो गया हैं।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी शहर का दृश्य है यहां पर पहले भागीरथी नदी शहर के किनारे होकर गुजरती थी।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी शहर का दृश्य है यहां पर पहले भागीरथी नदी शहर के किनारे होकर गुजरती थी लेकिन अब लोग नदी के दूसरी ओर भी बस गए हैं तो ऐसा लगता है कि नदी शहर के बीचों बीच बह रही है।
देवप्रयाग जहां श्री राम जी ने ब्रह्म हत्या के दोष निवारणार्थ अलकनन्दा भागीरथी के संगम पर तपस्या की थी।
त्रेता युग में रावण, कुम्भकरण का वध करने के पश्चात कुछ वर्ष अयोध्या में राज्य करके राम ब्रह्म हत्या के दोष निवारणार्थ सीता जी, लक्ष्मण जी सहित देवप्रयाग में अलकनन्दा भागीरथी के संगम पर तपस्या करने आये थे। इस संबध में केदारखण्ड में लिखा है...
कुमाटी की 150 साल पुरानी यह बाखली। इस बाखली में आज भी 10 से 12 परिवार रहते हैं।
कुमाटी की 150 साल पुरानी यह बाखली आज भी आबाद है. इस बाखली में आज भी 10 से 12 परिवार रहते हैं. इस बाखली की छ्त 300 फीट लम्बी है. एक बाखली नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक के कुमाटी गांव में है, जो कुमाऊं...
बिरुड़ पंचमी की शुभकामनाएं। कुमाऊं में सातू-आठू यानि गौरा पर्व मनाया जाता है।
कुमाऊं में सातू-आठू यानि गौरा पर्व मनाया जाता है। शिव-पार्वती की उपासना का ये पर्व ख़ासतौर से महिलाएं करती हैं। पिथौरागढ़ में इसे अलग ही अंदाज में मनाने की परम्परा है। इस परंपरा की शुरुआत करी जाती है बीरूड़ (पांच प्रकार का अनाज) भीगा कर।...
पहाड़ों मे होने वाली सब्जियां जो बरसात के समय मे होती है।
पहाड़ों मे होने वाली सब्जियां जो बरसात के समय मे होती है जिनमे 1 सिंगन 2 खीरबोज 3 लिंगड़ा 4 इसकुश 5 गुदड़ी 6 लौंकि
हमारे पहाड़ी अड़ोस पड़ोस के बुजुर्गों की तस्वीर- हमारी संस्कृति।
हमारे पहाड़ की तस्वीर है अड़ोस पड़ोस के बुजुर्ग लोग एक साथ बैठकर हँसते हँसाते हुए अपनी अपनी कहानी एक दूसरे हो सुना रहे है। यह भी एक ऐसी उम्र है जिससे हर किसी को गुजरना पड़ता है।
काश कि इन गाड़ियों की छतों में हल्द्वानी से सेब और आम की पेटियां भी इसी तरह वापस आती तो कितना अच्छा होता
दो दिन के लिए बहू बारात में शामिल होने गॉंव आयी और सास ससुर का प्यार देखिए सारे संतरे सारे दाल सारे आलु और जितनी दाल घर में तीन महीनों से सम्भाली थी सब कट्टो में भर दी और पड़ोस पेंछा (उधार ) घी लेकर...
पहाड़ी शैली में बने “पठाल” की छत वाले घर उत्तराखण्ड की समृद्ध वास्तुकला के प्रतीक हैं।
पठाल उत्तराखंड के पारंपरिक घरों की छतों मे इस्तेमाल होने वाला विशेष प्रकार का पत्थर होता है। जिसे पहाड़ों से ही निकाल जाता है। पहाड़ी शैली मे बने पठाल वाले घर मजबूत और पर्यावरण के अनुकूक होते है। सर्दियों मे गर्म और गर्मियों मे घर...
चन्द्रबदनी आने वाले श्रद्धालु नजदीकी तीर्थस्थलों के दर्शन भी कर सकते हैं।
1.चन्द्रबदनी 2. नाग मंदिर 3. लक्ष्मी नारायण मंदिर 4. बागेश्वर महादेव चन्द्रबदनी मंदिर, चंद्रकूट पर्वत, टिहरी गढ़वाल. शिव मंदिर, नाग गाँव, जामणीखाल, टिहरी गढ़वाल. लक्ष्मी नारायण मंदिर, गौमुख, पौड़ी खाल, टिहरी गढ़वाल बागेश्वर महादेव, नौसा बागी, टिहरी गढ़वाल