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वरुण बडोला (Varun Badola) अपने एक इंटरव्यू में कहते सुनाई दिए कि “पहाड़ी तो मैं पूरा हूँ।”

सुप्रसिद्ध अभिनेता वरुण बडोला के ये शब्द हम सबको गौरान्वित करने वाले हैं। अपने गढ़वाल का दुर्भाग्य यह रहा है कि यहाँ की खान से निकलने वाले हीरे जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर की छवि बनाते हैं, तब उनके मुंह से ये सुनने को कान बेताब रहते...

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उत्तराखंड की 6 पारंपरिक पहाड़ी मिट्टी/धातु कला : एक सांस्कृतिक धरोहर। 6 Traditional Hill Clay/Metal Art of Uttarakhand : A Cultural Heritage.

उत्तराखंड की 6 पारंपरिक पहाड़ी मिट्टी/धातु कला : एक सांस्कृतिक धरोहर   उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत में पारंपरिक पॉटरी (मिट्टी से बनी वस्तुएं) का विशेष महत्व है। पर्वतीय जीवनशैली में सदियों से ये मिट्टी की कलाकृतियाँ उपयोग में लाई जाती रही हैं, जो न केवल...

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काफल पर एक लघु कहानी – A short story on Kafal.

काफल पर एक लघु कहानी… एक गांव में एक विधवा औरत और उसकी 6-7 साल की बेटी रहते थे। किसी प्रकार गरीबी में वो दोनों अपना गुजर बसर करते थे। एक बार माँ सुबह सवेरे घास के लिए गयी और घास के साथ काफल भी...

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भड्डू- कांसे आदि धातुओं को मिलाकर बनने मोटा और वजनी बर्तन।

भड्डू- कांसे आदि धातुओं को मिलाकर बनने मोटा और वजनी बर्तन। जिसमें बनी दाल बहुत ही स्वादिष्ट होती है। ब्यौ बारात, शुभ कारज में आपने जरूर खायी होगी। आपके यहाँ इस बर्तन को क्या कहते है?

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उत्तराखंड के बागेश्वर के मल्ली व तल्ली खरे के बीस गाँवों में परम्परागत तांबे के बर्तन बनाते हैं।

उत्तराखंड में मूलतः के बागेश्वर तहसील के अन्तर्गत मल्ली व तल्ली खरे के बीस गाँवों में परम्परागत तांबे के बर्तन बनाते हैं। सर्वेक्षणों के अनुसार पिथौरागढ़ जनपद के गंगोलीहाट, थल, बेरीनाग आदि में ९४ परिवार पूरी तरह तांबे के बर्तन इत्यादि को बनाकर इस कला...

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उत्तराखंड की 9वीं की छात्र की कलाकारी देखिए चीड़ की पत्तियों से बनाई खूबसूरत टोकरियाँ।

कौन कहता है कि हमारे पहाड़ों के बच्चों में टैलेंट की कमी है? ज़रा मिलिए अल्मोड़ा की रहने वाली इंटर कॉलेज की छात्रा ईशा से, जिसने अपनी कला से यह साबित कर दिया है कि लगन और रचनात्मकता से कुछ भी संभव है। ईशा ने...

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प्रभा देवी: एक अनपढ़ महिला, जिसने खड़ा कर दिया पूरा जंगल! Prabha Devi: An illiterate woman who created an entire forest!

प्रभा देवी शायद पढ़ी-लिखी नहीं हैं, और उन्हें अपनी जन्मतिथि तक नहीं मालूम — लेकिन प्रकृति को लेकर उनका ज्ञान किसी विश्वविद्यालय से कम नहीं। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के पलशाट गांव की 76 वर्षीय प्रभा देवी ने अकेले दम पर एक पूरा जंगल तैयार...

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ना फिल्टर का शोर, ना ब्रांड का मोल। बस पहाड़ों का पानी प्रकृति की सबसे अनमोल देन।

ना फिल्टर का शोर, ना ब्रांड का मोल। बस पहाड़ों का पानी प्रकृति की सबसे अनमोल देन। शुद्धता की पहचान, रूह की प्यास बुझाने वाला।

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छोड़ आया हूँ मैं गांव की 1000 गज में बनी हवेली, शहर में 100 गज के मकान को अपनी तरक्की बताता हूँ, तिबारी गांव की। 

छोड़ आया हूँ मैं गांव की 1000 गज में बनी हवेली, शहर में 100 गज के मकान को अपनी तरक्की बताता हूँ, तिबारी गांव की। 

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