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कभी भी गिलास में पानी ना पियें, जानिए लोटे और गिलास के पानी में अंतर। Never drink water in a glass, know the difference between glass and glass.

⚱भारत में हजारों साल की पानी पीने की जो सभ्यता है वो गिलास नही है, ये गिलास जो है विदेशी है. गिलास भारत का नही है. गिलास यूरोप से आया। और यूरोप में पुर्तगाल से आया था।  ये पुर्तगाली जबसे भारत देश में घुसे थे...

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यह 1868 की यमुनोत्री घाटी के ग्रामीणों की सबसे पुरानी तस्वीरों में से एक है।

1868: यह यमुनोत्री घाटी के ग्रामीणों की सबसे पुरानी तस्वीरों में से एक है। 1868 में देहरादून में खींची गई इस तस्वीर में दो ग्रामीण अपने पारंपरिक कपड़ों में दिखाई दे रहे हैं। वे खेतों में काम करते थे। यह तस्वीर पीपुल ऑफ इंडिया पुस्तक...

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पंत भोजनालय कोसनी – यहाँ आपको प्यार और आदर्श को मिलावट करके खाना दिया जाता है।

यहाँ आपको प्यार और आदर्श का मिलावट करके खाना दिया जाता है अगर आप यहाँ आये तो भूल कर भी ना खाये ना रुके क्यूंकि आपको इनके प्यार की लत लग जाएगी और आप दीवाने होजाएंगे….बात 7 जुलाई की है ज़ब मैं रानीखेत से कौसानी...

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शहरों में पूरा जीवन इसलिए भटकते रहे की एक दिन बहुत सारा पैसा कमा के फिर सुकून से रहूंगा

शहरों में पूरा जीवन इसलिए भटकते रहे की एक दिन बहुत सारा पैसा कमा के फिर सुकून से रहूंगा लेकिन जब सुकून का समय आता है यमराज का नोटिस आ जाता है । लेकिन हम लोगो को भगवान ने सौभाग्य से उत्तराखंड में इसलिए जन्म...

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मसूरी (उत्तराखंड) में मुलिंगर में 1945 की एक शानदार तस्वीर। A stunning photo from 1945 at Mullingar in Mussoorie (Uttarakhand).

1945- मसूरी में मुलिंगर की एक शानदार तस्वीर। ऐसा कहा जाता है कि कैप्टन यंग ने मसूरी की स्थापना के शुरुआती वर्ष में मुलिंगर का निर्माण करवाया था। 1886 में फिलेंडर स्मिथ इंस्टीट्यूट इसी परिसर से संचालित होता था। यह तस्वीर 15 दिसंबर 1945 को...

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उत्तराखंड में गावों में शादी ब्याह में अभी भी गांव के लोग मिल जुल कर काम करते है।

उत्तराखंड में गावों में शादी ब्याह में अभी भी गांव के लोग मिल जुल कर काम करते है। गांव में जाकर शादी समारोह के ऐसे मौकों को कभी ना छोड़े और जमीन पर बैठकर रसोइया की बनाई दाल भात खाकर परम आनंद लें। 

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पहले गांव के लोग गरीब थे तब तांबा पीतल के बर्तन में खाना बनाते थे।

पहले गांव के लोग गरीब थे तब तांबा पीतल के बर्तन में खाना बनाते थे। अब लोग अमीर हैं साहब स्टील अल्युमिनियम में खाना बनता है जय देव भूमि उत्तराखंड। 

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उत्तराखण्ड राज्य की बेहतरी के लिए योगदान दें 🙏, केवल उत्सव-प्रदर्शन तक सीमित ना रहें।

एक ऐसा वक्त जब उत्तराखण्ड राज्य और वहाँ बसे लोग गहरी निराशा से जूझ रहे हैं, समस्याओं का अंत दिखता नहीं लेकिन मैं फिर भी कहूंगा सपने-उम्मीदें बरकरार हैं। एक बार फिर हिमालय के पुत्र-पुत्रियों को कहूंगा कि अपने राज्य, ज़मीन, प्राकृतिक संम्पति के ब्रांड...

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