पहाड़ी क्षेत्रों में होटलो का जो स्वरूप था अब वह बदल रहा है वहां पर छोटे-छोटे कॉटेज नुमा घर बन रहे हैं जो दिखने में बहुत सुंदर और आकर्षक लगने के साथ ही साथ प्रकृति के बीच में होने का भरपूर एहसास दिलाते हैं अब हर कोई प्रकृति प्रेमी होटल को छोड़ कर छोटे छोटे कॉटेज में आना चाहता है।
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पहाड़ी क्षेत्रों में होटलो का जो स्वरूप था अब वह बदल रहा है वहां पर छोटे-छोटे कॉटेज नुमा घर बन रहे हैं।
उत्तराखंड में हिमपात होने के कारण पठाल के ढालदार मकान बनाए जाते हैं।
हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा | Haar nahi Manunga Rar nahi Thanunga.
नौकरी छोड़कर क्या सही फैसला लिया मैंने उत्तराखंड में छोटा सा रोजगार करने का बताएं - लक्ष्मण रावत।
पहाड़ों में पिंगली लाल ककड़ियाँ खाने का भी एक अपना आनंद है मित्रों।