गाँव के मुहाने वाला घर जहा सब मिल दातुली मे धार लगाते थे। इसी बहाने चार उनकी सुन लेते चार लगे हाथ अपनी कह देते।
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जीवन की पहली किताब उस रोशनी के नाम थी जिसे हम ‘लम्फू’ कहते थे।
रिटायरमेंट के बाद शहरो का रुख करने के बजाय। खण्डूड़ी दंपति ने गाँव का रुख किया व 80 नाली बंजर भूमि को...
पहाड़ी जिंदगी प्रकृति से जुड़ी, सादगी पूर्ण और संघर्ष पूर्ण होती है।