Home » Culture » फूलों की घाटी, उत्तराखंड, एक अद्भुत राष्ट्रीय उद्यान। Valley of Flowers, Uttarakhand, a wonderful national park.

फूलों की घाटी, उत्तराखंड, एक अद्भुत राष्ट्रीय उद्यान। Valley of Flowers, Uttarakhand, a wonderful national park.

फूलों की घाटी, उत्तराखंड, एक अद्भुत राष्ट्रीय उद्यान है जो अपनी बेमिसाल प्राकृतिक सुंदरता और विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ कुछ प्रमुख बातें हैं:

विशेषताएँ:
1. स्थान: यह घाटी उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है, औली से लगभग 3000 मीटर की ऊँचाई पर।
2. प्राकृतिक सौंदर्य: फूलों की घाटी में विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे फूल, बर्फ से ढके पहाड़, और हरे-भरे जंगल हैं। यह स्थान बहुत ही मनमोहक है।
3. फूलों की विविधता: यहाँ पर अनेक प्रकार के जंगली फूल पाए जाते हैं, जैसे कि ब्रह्मकमल, सुर्ख़ गुलाब, और कई औषधीय पौधे।
4. संरक्षण: यह घाटी 1982 में एक राष्ट्रीय उद्यान घोषित की गई थी और इसे UNESCO द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
5. पर्यटन: यहाँ ट्रैकिंग और हाइकिंग का आनंद लेने के लिए कई ट्रेल्स हैं। सबसे लोकप्रिय ट्रैक “फूलों की घाटी ट्रैक” है, जो संगम चट्टी से शुरू होता है।

यह भी पढ़िये :-  एक जमाना था जब सांझ होते ही सब के द्वार पर किरोसीन वाला लालटेन टंगा रहता था।

यात्रा जानकारी:
– सर्वश्रेष्ठ समय: जून से सितंबर के बीच, जब फूलों की खिलावट होती है।
– कैसे पहुंचे: सबसे नज़दीकी बड़ा शहर ऋषिकेश या हरिद्वार है। वहाँ से आप जुड़वां नगरों गोविंदघाट और घांघरिया तक जा सकते हैं, जो घाटी के प्रवेश द्वार हैं।
फूलों की घाटी प्रकृति प्रेमियों और ट्रैकरों के लिए एक स्वर्ग के समान है। यदि आप और जानकारी चाहते हैं या यात्रा की योजना में मदद चाहिए, तो बताइए!

Related posts:

उत्तराखंड के शहीद पत्रकार और कवि उमेश डोभाल। Martyr journalist and poet Umesh Dobhal of Uttarakhand.

Culture

मिट्टी के घर उत्तराखंड के पौराणिक संस्कृति का हिस्सा है। Mud houses are part of the ancient culture ...

Culture

ना फिल्टर का शोर, ना ब्रांड का मोल। बस पहाड़ों का पानी प्रकृति की सबसे अनमोल देन।

Culture

बंद पड़े ताले 🔐 , आँगन में उगती घास 🍀, वीरान होते पहाड़।

Culture

उत्तराखंड मे प्राचीन शैली से बने मिट्टी के घर जिन्हे "पहाड़ी कुड़ी" भी कहा जाता है।

Culture

उत्तराखंड में स्वरोजगार को प्रत्मिकता देते हुए। होली के ढ़ोल से लेकर सभी प्रकार के वाद्य यंत्र।

Culture

यह 1868 की यमुनोत्री घाटी के ग्रामीणों की सबसे पुरानी तस्वीरों में से एक है।

Culture

कभी-कभी हमें ऐसे रास्तों पर भी चलना चाहिए जहां पर गाड़ी नहीं जाती।

Culture

ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल मार्ग पर लोकल निवासी से अनुरोध हैं की वहां की जमीन किसी को ना बेचे।

Culture

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*