सतपुली और गुमखाल के बीच पहाड़ी दाल का बोर्ड आपको दिखाई देगा। वहां पर आपको गांव का मंडवा ,झंगोरा ,कोदू , तिल ,जख्या ,भट्ट, रयांस, छीमी, गैहत की दाले मिल जाएगी। थोड़ा-थोड़ा लेकर जाना गांव की याद आएगी तो बना कर खाना। इससे गांव वालों को स्वरोजगार भी मिलेगा और आपको खाने के लिए पहाड़ी दाल।
Bahut accha hai
Mai poora support karta hun aapka jinhone jo aise vichar rakhta hai,apne pahadon kabhi mat bhulo koi jahan bhi raho magar apni Sanskriti ko mat bhulo.
Jai dev bhumi uttrakhand
धन्यवाद धाम सिंह नेगी जी जो आपने हमारी पोस्ट पढ़ी और हमारे विचारों को सराहा। कृपया हमारे फैसबुक ग्रुप मे भी आयें।
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टीम
मेरुमुलुक.कॉम
बहुत अच्छी जानकारी है।