Home » Agriculture » तुलसी के पौधे को घर में लगाने से पहले इन बातों का ध्यान रखें। Keep these things in mind before planting a Tulsi plant at home.

तुलसी के पौधे को घर में लगाने से पहले इन बातों का ध्यान रखें। Keep these things in mind before planting a Tulsi plant at home.

अभी बरसात के दिनों में ,आपकी तुलसी के आस पास बहुत सारे पौधे निकल गए होंगे ,या किसी से मिल जाएंगे क्योंकि इन्ही दिनों ,तुलसी की जर्मीनेशन होती है,अत्यधिक तो अपने घर,बगिया में लगाइए तुलसी जी तुलसी का पौधा लगाने के लिए, इन बातों का ध्यान रखें: गमले का आकार मध्यम या बड़ा होना चाहिए। 

मिट्टी में 50% कोको-पीट और 50% वर्मीकम्पोस्ट (केंचुआ खाद या गोबर) मिलाएं और गमले में भर दें। 

अगर आप पौधे को एक गमले से दूसरे गमले में लगा रहे हैं, तो पहले गमले में सूखी मिट्टी डालें, फिर तुलसी का पौधा जड़ से लगाएं, और फिर खाद वाली मिट्टी डालें। 

गमले के लिए मिट्टी के गमले का चुनाव करें, जिससे पानी इकट्ठा न हो. सीमेंट या प्लास्टिक के गमले न चुनें, क्योंकि इनमें पौधे को ज़रूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते और वह जल्दी मुरझा जाता है। 

तुलसी का पौधा उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाएं. इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है. तुलसी का पौधा कभी भी साउथ या साउथ वेस्ट दिशा में न रखें। 

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, गुरुवार और शुक्रवार का दिन तुलसी का पौधा लगाने के लिए बहुत शुभ माना जाता है. चैत्र माह के गुरुवार या शुक्रवार को तुलसी का पौधा लगाया जाए, तो यह और भी शुभ माना जाता है. अगर आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, तो शनिवार के दिन तुलसी का पौधा घर में लगाएं. शनिवार के दिन अभिजीत मुहूर्त (सुबह लगभग 11 बजे से 12 बजे के आस-पास) में तुलसी का पौधा लगाना लाभकारी होता है। 

यह भी पढ़िये :-  लैंटाना की झड़ी जो मच्छरों को प्रतिकर्षित और कीट नाशक का काम भी करती है।

तुलसी को हरा-भरा रखने के लिए गोबर को सुखाने के बाद उसका चूरा बना लें और फिर उसे पौधे में डालें. नीम की पत्तियों को सुखाकर उसका पाउडर बना लें और उसे तुलसी के पौधे में डालें. तुलसी के पौधे में समय-समय पर नीम के पानी का छिड़काव करें. तुलसी हरी-भरी रहे इसके लिए उसमें हल्दी का पानी डालें अगर आप चाहते हैं कि आपका तुलसी का पौधा साल के 12 महीनों हरा-भरा बना रहे, तो इसके लिए हमेशा म‍िट्टी के गमलों का चुनाव करें, जिससे गमले में पानी इकट्ठा नहीं होता। पौधे को धूप व हवा बराबर मिलती रहती है। वहीं अगर आपने सीमेंट का गमला चुना, तो पूरे चांसेज हैं प्लांट के सूखने के। इसके अलावा प्लास्टिक के गमले भी न ही चुनें तो बेहतर। इससे भी पौधे को जरूरी पोषक तत्‍व नहीं म‍िल पाते, जिससे वो जल्दी मुरझा जाता है।
पानी का रखें ख्याल गमले की मिट्टी अगर थोड़ी गीली है, तो उसमें जबरदस्ती का पानी न डालें। गर्मियों की अपेक्षा सर्दियों में पौधों को कम पानी डालें। 

यह भी पढ़िये :-  मध्यमहेश्वर जहां भगवान शिव की नाभी की पूजा की जाती है।Madhyamaheshwar where the navel of Lord Shiva is worshipped.

इन बातों का रखें खास ध्यान –

दो- तीन महीने में एक बार तुलसी के पौधे की ट्रीमिंग करते रहें। तुलसी के पौधों से मंजर काट कर अलग करते रहें, पौधे घने होंगे।  तुलसी के पौधे पर लगी मंजरी को तुलसी माता के सिर का भार माना जाता है। ऐसे में, तोड़कर हटा देना ही शुभ होता है। गमला बदलें, तो इसके पौधे की जड़ को सावधानी से रिप्लेस करें। तुलसी के पत्तों में छेद नजर आ रहे हों, तो इसका मतलब उसमें कीड़े लग रहे है, तो इसके लिए पानी और एक चम्मच साबुन डालकर पेस्ट कंट्रोल करें।
“तुलसी वृक्ष ना जानिये।
गाय ना जानिये ढोर।
गुरू मनुज ना जानिये।
ये तीनों नन्दकिशोर।
अर्थात-
तुलसी को कभी पेड़ ना समझें,गाय को पशु ना समझे और गुरू को कभी साधारण मनुष्य ना समझे ,
क्योंकि ये तीनों ही साक्षात भगवान रूप हैं”।🙏

यह भी पढ़िये :-  आपने नागरमोथा का पौधा (Nagarmotha Plant) जरूर देखा होगा, लेकिन नागरमोथा के फायदे के बारे में नहीं जानते होंगे।

Related posts:

ऋषि पंचमी (Rishi Panchami) का त्योहार 8 सितंबर 2024

Dharmik

पौड़ी जिले के दीनदयाल बिष्ट जी ने बागवानी में अपनी कार्यकुशलता और दूरदर्शी सोच से एक मिशाल कायम की है...

Agriculture

टिहरी जिले के प्रताप नगर विकासखंड की ओण पट्टी के दो दर्जन से अधिक गांवों में कल से धान की कटाई - मंड...

Agriculture

कद्दू के बीज उच्च प्रोटीने, फाइबर से युक्त। Pumpkin seeds are high in protein and fibre.

Agriculture

पहले जहां पर खूब अच्छी खेती होती थी वहाँ आज पानी न होने के कारण खेत बंजर हो चुके हैं।

Agriculture

रामायण के कुछ रोचक तथ्य। जो आपको याद रखने चाहिए।

Dharmik

रावण का कैलाश पर्वत को उठाना, जीवन की बहुत बड़ी सीख है। 

Dharmik

काफल पर सितंबर में फूल।

Agriculture

ये है बांज का पेड़ , जहां 40-50° सेल्सियस तापमान रहता है वहाँ यह पेड़ 20-22° सेल्सियस तक टेम्परेचर कर...

Agriculture

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*